नागपुर: किसानों के कर्जमाफी को लेकर भारतीय जनता पार्टी की भूमिका रोजाना बदल रही है. सरकार की ओर से केवल आश्वासनों की बारिश की जा रही है. लेकिन अब तक किसानों को एक नया पैसा नहीं दिया गया. भाजपा का पसंदीदा आसन यानी आश्वासन है. यह टिपण्णी भाजपा की सरकार पर पूर्व मंत्री और नागपुर जिला ग्रामीण कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष राजेंद्र मूलक ने की है.
मूलक ने सरकार का विरोध करते हुए कहा कि खेती का कामकाज शुरू हो चुका है. राज्य के किसान बीजों और खाद के लिए भटक रहे हैं. लेकिन सरकार केवल उन्हें देखने का कार्य कर रही है. बुआई का समय आने के बावजूद अब तक किसानों को कोई भी मदद नहीं दी गई है. जिसके कारण अब किसानों को साहूकारों से फिर कर्ज लेने की नौबत आ गई है.
मूलक ने आगे कहा कि भाजपा के नेताओं ने किसान कर्जमाफी का मुद्दा हास्यास्पद बना दिया है. प्रधानमंत्री और सभी मंत्री योग कर रहे हैं. जबकि किसान का पेट पहले ही पीठ को लग चुका है. उसे आश्वासन नहीं मदद की जरूरत है. पूर्ण कर्जमाफी का मसला अभी हल ही नहीं हुआ था कि 10 हजार रुपए की मदद के आश्वासन ने एक नई समस्या को जन्म दिया है. मूलक ने कहा कि सरकार 10 हजार देने की बात कर रही है जबकि बैंक किसानों को यह मदद देने में असमर्थता जता रही है. किसान अब भी नए कर्ज की आस लगा रहे हैं लेकिन सरकार उनका मजाक बना रही है.
मूलक ने राज्य सरकार को चेतावनी दी है कि किसानों की कर्जमाफी पर सरकार ध्यान दे वरना यह वातावरण और भी गंभीर हो सकता है.
