– आगामी लोकसभा चुनाव को ध्यान में रख कर मनपा चुनाव की रणनीति बनाई जा रही
नागपुर – एक साल से अधिक समय से चुनावी मोड में चल रही भाजपा को चुनाव में विफल रहने वाले नगरसेवकों की नाराजगी को दूर करने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी. पार्टी ने दो सर्वे किए हैं जिसमें करीब 30 % नगरसेवकों का टिकट काटना निश्चित माना जा रहा हैं. ऐसे असफल नगरसेवक जिनकी टिकट भी कट गई,उनके द्वारा मनपा चुनाव में पार्टी विरोधी गतिविधि रोकना भाजपा के लिए सबसे बड़ी चुनौती साबित होने वाली हैं.
ज्ञात हो कि भाजपा ने इस बार मनपा चुनाव में ‘120’से अधिक उम्मीदवार चुन कर लेन हेतु टारगेट रखा है. इसके लिए साल भर लगातार बैठकों, संवाद सभाओं,शक्ति बूथों, बैठकों के कार्यक्रम चलते रहे हैं। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का जन्मदिन को आगामी मनपा चुनाव का ध्यान रखते हुए कार्यक्रमों की योजना बनाई गई. स्वास्थ्य शिविरों के माध्यम से अधिक से अधिक लोग इसमें शामिल हुए।
वरिष्ठ नागरिकों की सहानुभूति प्राप्त करने का भी प्रयास किया जा रहा है। यह सब करते हुए पांच साल तक निष्क्रिय रहे और इस तरह पार्टी की छवि खराब करने वाले नगरसेवकों से पार्टी को धक्का लग सकता है.पार्टी भी इससे वाकिफ है। पार्टी की बैठकों में कई नेताओं ने यह नाराजगी जाहिर की है।
ऐसे में भाजपा के पास निष्क्रिय नगरसेवकों का टिकट काटने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। मनपा चुनाव के बाद लोकसभा चुनाव होंगे। इसलिए भाजपा मनपा में सत्ता गंवाने का जोखिम नहीं उठा सकती।
उल्लेखनीय यह है कि इस चुनाव में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी पूर्णतः सक्रिय होंगे। वे पार्टी के साथ मिलकर खुद अलग से सर्वे कराएंगे। इस महत्वपूर्ण सर्वे में कौन पास और कौन फेल होता है,इसका खुलासा हो जाएगा,जिसके आधार पर आगे का निर्णय लेने में आसानी होगी। अर्थात इस मनपा चुनाव में उम्मीदवारों के चयन को लेकर गडकरी का निर्णय अंतिम होगा ?