Published On : Fri, Nov 20th, 2020

23 नवंबर को पुरे राज्य में बिजली बिलों की होली जलाएगी भाजपा : पूर्व मंत्री बावनकुले

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नागपुर– आर्थिक दुर्बल कैटेगरी के लोगों का 0 से 100 यूनिट बिजली का उपयोग करनेवाले ग्राहकों को 5 साल बिजली बिल की माफ़ी देंगे ऐसी घोषणा की गई थी, लॉकडाउन के दौरान ग्राहकों को एवरेज बिल के नाम पर हजारों रुपए के बिजली बिल भेजे गए, दूकान, ऑफिसेस बंद होने के बावजूद भी लाखों के बिजली के बिल दिए गए, मार्च, अप्रैल, मई, जून महीने में मीटर रीडिंग नहीं होने के बावजूद भी बेतहाशा बिजली के बिल भेजे गए. कोविड-19 के दौरान चार महीनों का यानी 0 से लेकर 100 यूनिट और 100 यूनिट से लेकर 300 यूनिट के बिजली बिलों में रियायत देने की घोषणा की गई, इसके बाद दिवाली में बिजली बिल माफ़ी का सुखद समाचार देने की बात कहकर अब बिजली बिल भरना ही होगा, ऐसी घोषणा करने के कारण नागरिकों में रोष है.

जिसके कारण आनेवाले सोमवार 23 तारीख को भाजपा के कार्यकर्ताओ की ओर से महाराष्ट्र के गांवो और तहसीलों समेत सभी जगहों पर बिजली बिल की होली जलाने की घोषणा पूर्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने की है. शुक्रवार 20 नवंबर सिविल लाइन के प्रेस क्लब में आयोजित पत्र परिषद् में वे पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाएं. उन्होंने कहा की सरकार ने लॉकडाउन में बिजली बिल माफ़ करने की घोषणा की थी, लेकिन अब सरकार ने यु टर्न ले लिया है. सरकार बिजली बिल के नाम पर केंद्र सरकार की तरफ इशारा कर रही है, जबकि बिजली कंपनियों का जिम्मा राज्य सरकार की जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा की सरकार कह रही है कि पिछली भाजपा सरकार ने बिजली बिल बकाया रखे थे, जिसके कारण अब मौजूदा सरकार बिल माफ़ नहीं कर सकती, यह सरकार की बात सरासर गलत और बेबुनियाद है.

बावनकुले ने बताया की भाजपा की सरकार ने 45 लाख किसानों का 5 साल तक बिजली का बिल वसूल नहीं किया था. किसानों ने साथ भाजपा सरकार खड़ी थी. बिजली बिल माफ़ नहीं किया जा सका, इसलिए महावितरण का बकाया का मामला सामने सरकार द्वारा लाया गया है. बकाया का बिजली बिल माफ़ी से कोई लेना देना नहीं है. उन्होंने कहा की हमारी सरकार ने किसानों की बकाया की चिंता न करते हुए किसानों को कृषि पंप कनेक्शन दिए. हमने 2019 तक 6 लाख कृषि पंप जोड़े थे. किसानों को लोडशेडिंग मुक्त बिजली दी गई थी.

उन्होंने कहा की जब हम सत्ता में थे तो खेतों की बिजली की मांग 20 हजार 912 एम्. यु. एस थी. हमारे 5 वर्ष के कार्यकाल के दौरान यह मांग 32 हजार 669 एम्. यु. एस तक पहुंची. किसानों का बिजली का उपयोग बढ़ा है.

राज्य सरकार को 5 हजार करोड़ रुपए कंपनियों को देने होंगे, जिससे की सभी ग्राहकों के बिजली के बिल स्क्रैप किए जा सके. बावनकुले ने मांग की है की आर्थिक दुर्बल कैटेगरी के लोगों का 0 से 100 यूनिट बिजली का उपयोग करनेवाले ग्राहकों को 5 साल बिजली बिल की माफ़ी घोषणा की जाए, महावितरण ने एवरेज बिलों को दुरुस्त करना चाहिए, कोविड-19 के दौरान चार महीनों का यानी 0 से लेकर 100 यूनिट और 100 यूनिट से लेकर 300 यूनिट के बिजली बिलों को माफ़ किया जाए. उन्होंने कहा की भाजपा के लोग किसी भी ग्राहक या नागरिक का बिजली कनेक्शन नहीं कटने देंगे.

सोमवार 23 तारीख को भाजपा के कार्यकर्ताओ की ओर से महाराष्ट्र के गांवो और तहसीलों समेत सभी जगहों पर बिजली बिल की होली जलाने के आंदोलन करने की घोषणा की है. उन्होंने कहा बकाया की जांच की बात कर सरकार केवल बिजली बिल का मामला डाइवर्ट करने का काम कर रही है. इस दौरान पत्र परिषद् में विधायक प्रवीण दटके, सांसद डॉ. विकास महात्मे, विधायक टेकचंद सावरकर, पूर्व महापौर अर्चना डेहनकर समेत भाजपा के पदाधिकारी मौजूद थे.