Published On : Mon, Jun 5th, 2017

सुलेखा कुंभारे के जरिये अल्पसंख्यकों को रिझाने में जुटी भाजपा

Advertisement

Sulekha-Kumbhare-600x399
नागपुर: महाराष्ट्र के ऊर्जा, आबकारी मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले के चुनावी क्षेत्र में कामठी नगरपरिषद में भाजपा की करारी हार का ठीकरा मंत्री के सर पर फोड़ा गया. वहीं इस चुनाव में भाजपा के साथ गठबंधन करने वाली बहुजन रिपब्लिकन एकता मंच की प्रमुख सुलेखा कुंभारे को केंद्रीय अल्पसंख्यक आयोग का सदस्य नियुक्त करवाकर भाजपा ने कुंभारे और उनके समाज को खुश करने का प्रयास किया है. इसका भरपूर फायदा आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा निश्चित ही उठाएगी।

कुंभारे ने अक्सर कांग्रेस के खिलाफ किसी भी अवसर पर भाजपा का साथ दिया, जिसके एवज में भाजपा नेता गडकरी ने उन्हें केंद्रीय स्तर पर शीर्ष पद पर आसीन करवाया। जबकि इनकी मांग थी कि राज्य के प्रभावी महामंडल का अध्यक्ष नियुक्ति की जाये, लेकिन राज्य के मुखिया की नजरअंदाजगी की वजह से गडकरी ने उन्हें केंद्र में स्थान देकर कुंभारे का महत्त्व काफी बढ़ा दिया।

मुख्यमंत्री और ऊजार्मंत्री, पालकमंत्री का जिला होने से कामठी नगरपरिषद का चुनाव काफी अहम् माना जा रहा था.इस वक़्त जितने भी चुनाव हुए , अधिकांश जगह भाजपा को बड़ी सफलता मिली, लेकिन कामठी में शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा।

ज्ञात हो कि बावनकुले व कुंभारे एक ही विधानसभा क्षेत्र से ताल्लुक रखते है.कुंभारे वर्ष 1999 से 2004 तक कांग्रेस अघाड़ी सरकार में राज्यमंत्री थी.इसके बाद वर्ष 2005 के विधानसभा चुनावों में लगातार बावनकुले जीतते आए. पिछले कुछ सालों से कुंभारे की निकटता भाजपा नेताओं से बढ़ी. वर्ष 2015 में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में बिना शर्त कुंभारे ने भाजपा को समर्थन दिया. हाल ही में संपन्न हुए नागपुर मनपा चुनाव में भाजपा के साथ मिलकर भाजपा के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ी.

आगामी लोकसभा चुनाव में वर्ष 2014 की स्थिति को कायम रखने के उद्देश्य से उक्त भाजपा नेता ने अपने पक्ष के सक्षम कार्यकर्ताओं को महामंडलों पर नियुक्त करने के बजाय बाहरी समर्थकों जैसे कुंभारे को केंद्रीय अल्पसंख्यक आयोग का सदस्य बनाकर कुंभारे से जुड़े शहर में उनके समाज बन्धुओं को रिझाने की कोशिश की है.