Published On : Tue, Mar 24th, 2015

बुलढाणा : भाजपा सरकार किसान विरोधी – वासनिक

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भूमि अधिग्रहण कायदे के खिलाफ कांग्रेस,

जिलाधिकारी कार्यालय पर मोर्चा

Congress front in Buldhana  (1) Congress front in Buldhana  (2)
बुलढाणा। लोकसभा व विधानसभा चुनाव के पूर्व प्रधानमंत्री मोदी ने किसान के माल को सही भाव दिया जाएगा, विदेश से काला पैसा भारत में लाएंगे, प्रत्येक परिवार को पंद्रह लाख रुपये देंगे ऐसा आश्वासन दिया था. लेकिन इसमें से एक भी आश्वासन मोदी सरकारने पूरा नहीं किया है. इतना ही नहीं तो अच्छे दिनों का वादा करके सर्वसामान्य किसानों के जीवन पर उठने वाला नया भूमि अधिग्रहण कायदा करने का  भाजपा सरकार प्रयास कर रही है. इस वजह से सरकार किसान विरोधी है. ऐसा आरोप कांग्रेस के सरचिटणीस मुकुल वासनिक ने किया है. दो घंटे देर से शुरू हुआ मोर्चा टिलक नाट्य क्रीड़ा मंदिर से निकाला गया. इस मोर्चे का नेतृत्व कांग्रेस के सरचिटणीस मुकूल वासनिक व जिल्हाध्यक्ष विजय अंभोरे ने किया.

धुप-गर्मी की पर्वा न करते हुए, इस मोर्चे में जिले के कांग्रेस के पदाधिकारी, कर्यकर्ता व हजारो की संख्या में किसान शामिल हुए थे. उक्त मोर्चा संगम चौक, जयस्तंभ चौक, बाजार लाईन, सराफा लाईन, कारंजा चौक मार्ग से जिल्हाधिकारी कार्यालयावर पर निकाला गया. इस दौरान भूमि अधिग्रहण कायदा रद्द होना ही चाहिए, मुस्लीम व धनगर समाज को आरक्षण मिलना ही चाहिए’ ऐसी विभिन्न घोषणाबाजी मोर्चाकर्ताओं ने की. जिल्हाधिकारी कार्यालय पर आते ही मोर्चे का जाहिर सभा में रुपांतर किया गया. इस दौरान अंभोरे ने कहां कि, अच्छे दिनों का वादा करके किसानों के जानपर उठने वाला नया भूसंपादन कायदा भाजपा सरकार द्वारा लाने का प्रयास शुरू है. इस नए कायदे से लाखों की जमीनें सरकार कभी भी अपने कब्जे में कर सकती है. इस कायदे में जमीन जलनिकास है, या पडित है इसकी ओर भी ध्यान नहीं दिया गया. इस वजह से किसान बेहद बत्तर स्थिति में आ सकता है. इस वजह से यह कायदा रद्द होना चाहिए. ऐसी मांग अंभोरे ने की है.

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आगे वासनिक ने कहां कि, जिले में बेहद खराब परिस्थिति निर्माण हुई है. लेकिन अभीतक भाजपा सरकारने किसानों की मदत नहीं की. उद्योगपतियों को ब्याज में बड़ी छूट देकर उनका ही फायदा हो रहा है. बेमौसम बरसात व ओलावृष्टि से किसानों पर संकट टूट पड़ा है. वहीं दूसरी ओर नए कायदे लाकर मोदी सरकार किसानों को संकट में डाल रही है. इस वजह से भूसंपादन कायदे का विरोध करने के लिए कांग्रेस ने संघर्ष की भूमिका ली. नया भूसंपादन कायदा रद्द करके 2013 का भूमि अधिग्रहण कायदा ही रखा जाए, नुकसानग्रस्त किसानों को दिए कर्ज माफी का आश्वासन पूरा किया जाए, ओलावृष्टि से पीड़ित किसानों का कर्ज माफ़ किया जाए, जिले के अपूर्ण सिंचाई प्रकल्प पुरे किए जाए आदि मांगे इस मोर्चे में वासनिक ने की है.

इस दौरान पूर्व विधायक दिलीपकुमार सानंदा, विधायक राहुल बोंद्रे, हर्षवर्धन सपकाल, नरेंद्र खेडेकर, शाम उमालकर, जिल्हा परिषद अध्यक्षा अलका खंडारे, शाम उमालकर, संजय राठोड, समाधान हेलोडे, बलदेवराव चोपडे, अंकुश वाघ, संतोष आंबेकर, जयश्री शेलके, मनोज कायंदे, महिला आघाडी के डॉ. तब्बसुम हुसेन, शाम डाबरे, लक्ष्मणराव घुमरे, पवन पचेरवाल, हाजी मुज्जमील, पवन जाधव, गुलाबराव सोलंके समेत हजारों की संख्या में कांग्रेस के कार्यकर्ता, पदाधिकारी व किसान शामिल हुए थे.
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