Published On : Mon, Jul 31st, 2017

‘बाइकिंग क्वींस’ दे रही महिला सशक्तीकरण का संदेश

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नागपुर :
‘बाइकिंग क्वींस’ ने एक और कदम महिला सशक्तिकरण का संदेश फैलाने के लिए लिया है. इस बार वे राष्ट्रीय मार्ग जा रही हैं. मोटर बाइक पर सवार 50 महिलाएं, 10 हजार किलोमीटर लंबी यात्रा जो गुजरात से शुरू कर लद्दाख में खार्दूंग-ला तक यात्रा करेंगी. सोमवार को इनकी यात्रा नागपूर में पहुंची. श्री कॉन्व्हेंट एंड हाईस्कूल के छात्र तथा पुरुष बाईकर्स ने इनकी टीम का स्वागत किया. स्कूल को ‘बाइकिंग क्वींस’ ने एक ट्रॉफी उपहार स्वरूप भेट दी. साथ ही उपस्थित विद्यार्थीगण से वार्तालाप कर उन्हें शिक्षात्मक किट प्रदान की.

क्वींस बाइकिंग रैली की 50 महिला बाईकर्स 15 राज्यों से होती हुई खर्दूंगला, जो दुनिया में सबसे ऊंची वाहनयोग्य सड़क है, वहां स्वतंत्रता दिवस पर भारतीय झंडा फहराएंगी. ये सवार “सशक्त नारी सशक्त भारत” का समर्थन कर रहे हैं. उन्हें 15 राज्यों में 5000 से अधिक गांवों से जाना होगा. अर्थात गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडू, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना राज्यों में मिले अभूतपूर्व प्रतिसाद से प्रेरित हो उठी यह बाईकिंग क्वींस हर रोज एक एक कदम निर्धारित लक्ष्य की ओर बढ़ रही हैं. आनेवाले ३३ दिनों में वह मध्य प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू, नई दिल्ली, चंडीगढ़ और राजस्थान में भ्रमण कर वहां नारीशक्ती का संदेश फैलाएंगी. वंचित बच्चों की मदद करने के अलावा वे और अधिक से अधिक 9000 शिक्षण किट सभी राज्यों में वितरित करेंगी. स्वच्छता हमारे जीवन का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है , इसे प्रोत्साहित करने के लिए वे इन राज्यों में महिलाओं के लिए स्वच्छता किट भी वितरित करेंगी. बाइकिंग क्वींस उनके अभियान के दौरान देशी सामाजिक कल्याण के लिए काम कर रहे कार्यकर्ताओं को भी सम्मानित सम्मानित करेंगी.

‘बाइकिंग क्वींस’ महिला सवार समूह की संस्थापक डॉ सारिका मेहता ने कहा हम एक साथ जुनून और सामाजिक कारणों के लिए सवारी कर रहे हैं. हमारे देश में महिलाएं अपनी प्रतिभा के बारे में काफी संकोच करती हैं. और वहां भी उन के बीच में बड़े पैमाने पर हीन भावना है, इस यात्रा के माध्यम से हम महिलाओं को अपने अधिकारों के बारे में सूचित करेंगे और उन्हें विभिन्न व्यवसायों से अवगत कराएंगे जो वे अपने जीविका के लिए उठा सकते हैं. अगस्त में वापसी में नई दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी से मिलेंगे.

बाइकिंग क्वींस सूरत में सवार के सभी महिलाओं का समूह है. डॉ सारिका मेहता पेशे से एक मनोवैज्ञानिक है. यह समूह जो जुनून और सामाजिक कल्याण के लिए लगा है, इसकी वह संस्थापक हैं। यह वर्ष 2015 में बनाया गया था और सिर्फ दो साल में महिलाओं और आसपास के बच्चों के लिए बहुत कुछ किया है. प्रसिद्धि के लिए उनका दावा सभी महिलाओं के दस राष्ट्रों की सवारी है, जिन्होंने पिछले साल ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ के संदेश को बढ़ावा देने के लिए सफलतापूर्वक पूरा किया. इनका आदर्श अपने सवारी के जुनून के माध्यम से समाज के कल्याण के लिए काम करना है.