नई दिल्ली: भीमा-कोरेगाँव प्रकरण में गिरफ़्तार आरोपियों की जमानत का राज्य सरकार ने विरोध किया है। सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार ने विनंती की है कि संशयित आरोपियों पर लगे आरोप गंभीर है इसलिए उन्हें जमानत नहीं दी जानी चाहिए। इस मामले के आरोपी एड सुरेद्र गडलिंग की तरफ से अदालत में कहाँ गया कि इस मामले को एक वर्ष पूर्ण होने के बावजूद भी आरोपपत्र दर्ज नहीं कराया गया है इसलिए उसे जमानत मिलनी चाहिए।
इस मामले में नागपुर के वकील एड सुरेद्र गडलिंग के साथ सुधीर ढवले और प्राध्यापक सोमा सेन को गिरफ़्तार किया गया था। पुणे में आयोजित एल्गार परिषद के दौरान दिए गए भाषणों की वजह से उनकी गिरफ़्तारी हुई थी। गडलिंग के घर से पुलिस ने पेनड्राईव्ह, सीडी, डिव्हीडी व हार्ड डिस्क के साथ अन्य दस्तावेज की जप्त किये थे। इस मामले की सुनवाई जनवरी 2019 तक आगे बढ़ा दी गई है।