नागपुर: भारिप बहुजन महासंघ की तरफ से नोटबन्दी की दूसरी बरसी संविधान चौक पर मनाई गई. इस अवसर पर बरसी के आयोजकों ने कहा कि मोदी सरकार की नोटबन्दी सबसे बड़ी भूल थी. उनके इस फैसले से जीडीपी में गिरावट आई. जिसका सीधा असर देश की अर्थव्यवस्ता पर पड़ा. देश के मझले और छोटे कारोबार तबाह हो गए हैं और छोटे कारखाने तक बंद हो गए है. कारखाने बंद होने से बेरोजगारी बढ़ गई है. नोटबंदी के फैसले ने पूँजीपतियों को काला धन सफ़ेद करने के लिए किया.
इस आंदोलन में राजू जंगले,नालंदा गनवीर रवि वंजारी,नंदिनी सोनी,मायाताई शेंडे,प्रणीता शेंडे, हरीश नारनवरे,बालू हरकंडे,निर्भय बागड़े,गौतम पिलेवान,भोला शेंडे,धर्मपाल वंजारी,विशाल वानखड़े,देवेंद्र मेश्राम,गणेश नीतनवरे, राजेश चोखान्द्रे, भोजराज नंदागवली,सुरज़ वानखेड़े,अभिजीत पड़घान,गौतम शेंडे,आनंद बागड़े,किशोर खोब्रागडे,रमेश काम्बले,नरेश गोटेकर,सुमित शेंडे,सुमेध गेडाम,के साथ साथ हजारो कार्यकर्ता मौजूद थे.