नागपुर: भंडार-गोंदिया लोकसभा उपचुनाव कार्यक्रम का ऐलान न किया जाये यह आदेश हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने चुनाव आयोग को दिया है। इस संबंध में जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद न्यायाधीश भूषण गवई और मुरलीधर गिरडकर ने यह फैसला सुनाया। अदालत ने अपने आदेश में कहाँ की जब तक चुनाव का कार्यक्रम घोषित नहीं होता है तब तक चुनाव कार्यक्रम का ऐलान न किया जाये। इस सीट पर विजयी हुए नाना पटोले द्वारा 8 दिसंबर 2017 को अपने लोकसभा सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद उपचुनाव की आशंका को देखते हुए प्रमोद गुडधे ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। अपनी याचिका में गुडधे ने कहाँ था की अगले वर्ष 2019 में आम चुनाव होने की वाले है ऐसे में अगर अभी चुनाव होते है तो इससे पैसो की बर्बादी होगी इसलिए तब तक चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगाई जाए।
याचिका पर संज्ञान लेते हुए अदालत ने 1 मार्च को केंद्रीय चुनाव आयोग,राज्य चुनाव आयोग और गोंदिया के जिलाधिकारी को नोटिस जारी किया था। गुरुवार को अदालत ने चुनाव से पहले उपचुनाव पर रोक लगा दी है। याचिककर्ता की तरफ से एड अनिल किल्लोर और आयोग की तरफ से एड नीरजा चौबे ने पक्ष रखा।
याचिका के बाद नाना पटोले ने ली थी चुनाव आयोग की शरण
हाईकोर्ट में चुनाव पर रोक लगाने संबंधी याचिका के बाद पूर्व सांसद नाना पटोले ने चुनाव आयोग की शरण ली थी। नाना ने चुनाव आयोग के नई दिल्ली स्थित मुख्यालय में मुख्य चुनाव आयुक्त विजय कुमार रावल ने मिलकर जल्द उपचुनाव कराने की माँग की थी। आयोग को दिए गए अपने पत्र में पटोले ने दलील दी थी गोरखपुर और फूलपुर सीट के लोकसभा सांसदों का त्यागपत्र लोकसभा में उनके त्यागपत्र के साथ ही मंजूर हुआ था बावजूद इसके इन दोनों सीटों पर चुनाव प्रक्रिया संपन्न कराई गयी सिर्फ गोंदिया-भंडारा सीट में इस प्रक्रिया को पूरा नहीं कराया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की नीतियों की आलोचना करते हुए नाना ने सांसद पद और पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा देकर कांग्रेस का दामन थाम लिया था। नाना ने उपचुनाव न कराने के पीछे सीएम का हाँथ होने का आरोप लगाया है।