Published On : Tue, Aug 2nd, 2022
By Nagpur Today Nagpur News

राज्य में सत्ता परिवर्तन से पूर्व पालकमंत्री को लगा झटका

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– उत्तर नागपुर के 38 करोड़ के विकास कार्य रोके गए,DPC के कामों पर भी रोक

नागपुर – अपने ही विधानसभा क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा निधि देने वाले पूर्व पालकमंत्री नितिन राउत सत्ता परिवर्तन की चपेट में आ गए. उनके द्वारा जिला योजना समिति की निधि से दिए गए 38 करोड़ के कार्यों को रोक लगा दी गई.

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डीपीसी के माध्यम से 2022-23 के लिए नागपुर जिले को 625 करोड़ रुपये मंजूर किए गए। इसके अलावा पहली बार नगरोत्थान मद में 53 करोड़ का विशेष कोष दिया गया है। डीपीसी के जरिए यह अब तक की सबसे ज्यादा वित्तीय व्यवस्था की गई थी। पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में छह सौ करोड़ की वृद्धि हुई है। यह निधि महाविकास आघाड़ी सरकार के दौरान मंजूर किया गया था।सरकार बदलने से पहले जिला प्रशासन को करीब छह सौ करोड़ का निधि मिला था. सभी संबंधितों से कार्यो का प्रस्ताव मंगवाया गया था.

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पालकमंत्री के विधानसभा क्षेत्र के लिए करीब 38 करोड़ के कार्यों मंजूरी प्रदान की जा चुकी थी दिलचस्प बात यह है कि पालकमंत्री नितिन राउत के निर्देश पर कार्यो का आंकलन किया गया था,क्यूंकि वे समय नहीं दे रहे थे इसलिए बैठक नहीं हो पाई.

डीपीसी को महीने में कम से कम एक बैठक करनी होती है। राउत ने इसमें काफी देरी की। इसलिए जब निधि उपलब्ध था तो उन्हें समय नहीं दिया। इससे राउत को ही नुकसान हुआ,उनके द्वारा सुझाए गए सभी कार्यों को रोक दिया गया है।

जब से शिंदे-फडणवीस सरकार राज्य में आई है, पिछली सरकार के फैसलों को रद्द करने के लिए एक सूत्री कार्यक्रम चलाया गया है। नई सरकारें आने के बाद ही डीपीसी का काम बंद कर दिया गया था। इसलिए सारे काम ठप हो गए। इससे पूर्व पालक मंत्री को बड़ा झटका दिया गया. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इन कार्यों को रद्द कर पुराने कार्यों की भी समीक्षा की जाएगी. इसलिए पूर्व पालक मंत्री सकते में आ गए.

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