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नागपुर: व्यसन के लिए नागपुर और आसपास के इलाकों में खर्रे के सेवन का चलन है। एक रिपोर्ट के अनुसार ग्रामीण भाग में विद्यार्थियों में तम्बाखू और खर्रे के सेवन का प्रमाण बढ़ गया है। इस रिपोर्ट को गंभीरता से लेते हुए जिला परिषद ने अपनी स्कूलों में तम्बाखू मुक्त अभियान चलाने का फैसला लिया है। कहावत है की गुरु के नक़्शेकदम पर छात्र चलते है। कई स्कूलों के शिक्षक भी तम्बाखू और खर्रे की लत के आदी है। शिक्षकों की आदत का विद्यार्थियों पर असर न हो इसलिए इस अभियान के तहत जिला परिषद स्कूलों के ऐसे शिक्षक जो व्यसन के अदि है। उन पर इस अभियान के तहत विशेष नजर रहेगी। खास है की अगर ऐसे शिक्षक तम्बाखू या खर्रा खाते पकड़े जाते है तो उस पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ कादंबरी भगत के आदेश पर शिक्षा विभाग इस अभियान को चलाने वाला है।
जिले में जिला परिषद की 1049 स्कूल है। इन स्कूलों में काम के दौरान भी शिक्षक तम्बाखू का सेवन करते है। जिसका गलत परिणाम विद्यार्थियों पर होता है।शिक्षकों के तम्बाखू और खर्रा खाने का खुलासा जिला परिषद के अधिकारियो के दौरान कई बार हो चुका है। काम के दौरान खर्रा खाने वाले कई शिक्षकों पर कार्रवाई भी की जा चुकी है। जिसका गलत परिणाम विद्यार्थियों पर होता है।