Published On : Sat, Feb 3rd, 2018

35 वर्षों से जलप्रदाय विभाग की गलती की सजा भुगत रहे बावनथड़ी प्रकल्पग्रस्त किसान

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नागपुर: किसानों के लिए भले ही कागजी तौर पर अनेकों योजनाएं सरकार द्वारा शुरू की जाती हैं. लेकिन यह योजनाएं उन गरीब किसानों तक पहुंचती है या नहीं, यह गंभीर विषय है. बावनथड़ी किसानों के साथ भी यही हो रहा है. बावनथड़ी प्रकल्पग्रस्त किसान पिछले 6 दिनों से संविधान चौक पर अनशन प्रदर्शन कर रहे हैं. लेकिन अब तक सरकार ने इनकी सुध नहीं ली है.

जानकारी के अनुसार पिंडकापार और मुरझड़ गांव के सात गावों से 3 दशक पहले जमीन अधिग्रहित की गई थी. जिसमें से वर्ष 1982 को पांच गावों को एक लाख रुपए अनुदान और जमींन मुहावजा मिला था. लेकिन इनमें से दो गावों के करीब 742 लोगों को 200 से 250 एकर जमींन का मुहावजा अब तक नहीं मिल पाया है. जिसके कारण पिछले 35 वर्षो से यह ग्रामीण किसान अपने मुहावजे को लेकर सरकारी दफ्तरों के साथ ही विधायकों और मंत्रियों के कार्योलयों के चक्कर लगा रहे हैं. लेकिन इन्हें अब न्याय नहीं मिल पाया है. इसी के विरोध में संविधान चौक पर इनमें से कुछ लोगों ने अर्धनग्न होकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर अपना रोष भी प्रकट किया. इनके साथ आए एक्शन कमेटी के अध्यक्ष सचिन बिसेन ने जानकारी देते हुए बताया कि अगर सरकार 2 करोड़ रुपए भी अनुदान देती है तो इन किसानों को लाभ मिल सकता है. पालकमंत्री को निवेदन दिया गया है.

बिसेन ने बताया कि 35 वर्ष बाद भी इसलिए इन्हें मुहावजा और अनुदान नहीं मिला है क्योंकि नागपुर स्थित जलप्रदाय विभाग के अधिकारियों की गलती हुई है. विभाग की ओर से पिछले 35 वर्षों से गलत आकड़े जारी किए जा रहे हैं. जिसके कारण ही इन्हे लाभ नहीं मिल पा रहा है. उन्होंने बताया कि अब तीसरी पीढ़ी इस आंदोलन में शामिल हो चुकी है.

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