नागपुर: नागपुर महानाग पालिका चुनाव में उम्मीदवार कितना खर्च कर रहे हैं और वे जो खर्च कर रहे हैं, उसके काबिल वे हैं या भी नहीं? राज्य चुनाव आयोग इस बार इस तथ्य पर भी नजर रख रहा है। नोटबंदी के बाद से आर्थिक लेनदेन के प्रति खासी सर्तकता बरती जा रही है और इस बार के महानगर पालिका एवं जिला परिषद चुनाव भी इससे अछूते नहीं है। इस बार राज्य चुनाव आयोग उम्मीदवारों के प्रत्येक आर्थिक लेनदेन पर बैंक और आयकर विभाग के मार्फ़त नजर बनाए हुए है। इस काम के लिए राज्य चुनाव आयोग ने बैंकों और आयकर विभाग से बकायदे मदद मांगी है और दोनों एजेंसियां मदद के लिए राजी भी हैं।
कैसे रखी जाएगी नजर?
1. उम्मीदवार द्वारा 11 जनवरी के बाद जमा की गयी रकम का ब्यौरा बैंक चुनाव आयोग को देगा।
2. क्या उम्मीदवारों ने अपने चुनाव प्रचार के लिए निजी हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया, यदि हाँ तो कब? और उस पर कितना खर्च हुआ?
3. क्या भयमुक्त वातावरण में चुनाव प्रचार और चुनाव प्रक्रिया जारी है? यदि नहीं तो कैसे यह हो सके इसकी सुनिश्चितता।
आयकर अधिकारियों की तैनाती
राज्य के मुख्य चुनाव आयुक्त जे. एस. सहारिया के अनुसार इस बार नागपुर महानगर पालिका चुनाव पर निगरानी के लिए छप्पन आयकर अधिकारियों की तैनाती की गई है। इसके अलावा चुनाव में पहली बार वन विभाग, रेलवे विभाग और एयरपोर्ट प्रशासन की भी मदद ली जा रही है। राज्य से लगी सीमाओं पर उन मार्गों में सख्त तैनाती की जा रही है, जहाँ से शराब सहित अन्य चीजों की आपूर्ति होती है।
