Published On : Sun, Dec 24th, 2017

बाबा की ‘सेक्स जेल’ कब तक घिनौना खेल?

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एक और पाखंडी बाबा! एक और घिनौना खेल! दिल्ली से आयी इस चौंकाने वाली खबर ने सभ्य समाज को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आखिर कब तक अपने देश में धूर्त और मक्कार बाबाओं की फसल लहलहाती और फलती-फूलती रहेगी? उत्तरी दिल्ली के रोहिणी क्षेत्र में स्थित आध्यात्मिक विश्वविद्यालय के संस्थापक बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित पर आरोप है कि उसने 500 से अधिक युवतियों और नाबालिग किशोरियों को अध्यात्म और ‘मोक्ष प्राप्ति’ के नाम पर अपनी अय्याशी के लिए बंधक बना रखा था! वह लड़कियों को अपनी गोपियां कह कर उनसे मालिश भी करवाता था! यहां युवतियों-लड़कियों को जानवरों की तरह लोहे की सलाखों के पीछे और कांटेदार बाड़ (कंपाउंड) में रखा जाता था. इतना ही नहीं, उन्हें अपने माता-पिता से मिलने की अनुमति भी नहीं दी जाती थी! और तो और, उन्हें निर्वस्त्र ही सबके साथ नहाना होता था! महिला आयोग और पुलिस टीम ने 14 दरवाजों के ताले तोड़कर यहां से 51 नाबालिग किशोरियों को आजाद कराया.

मामला अब दिल्ली उच्च न्यायालय में है और हवसखोर पाखंडी बाबा वीरेंद्र दीक्षित फरार है. अगर वह सच्चा और ईमानदार है, तो फिर फरार क्यों हैं? क्यों नहीं वह हाईकोर्ट में पेश होकर खुद को बेगुनाह साबित कर रहा? दरअसल, आजकल अपने देश में जिस प्रकार सेक्सी बाबाओं की बाढ़ आयी हुई है, उसी माला का यह बाबा एक और सड़ा हुआ ‘मनका’ है. इस बाबा के कथित आध्यात्मिक विश्वविद्यालय को ‘सेक्स जेल’ कहा जाए, तो अतिशयोक्ति नहीं होगी! क्योंकि यहां से छुड़ाई गई बलात्कार-पीड़ित लड़कियां बदहवासी की हालत में मिलीं और वहां की ‘लीलाएं’ या ‘कर्मकांडों’ पर कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं हैं! विडंबना यह है कि इस मठ में रहने वाली सभी महिलाएं यहां के तंत्र-मंत्र और क्रियाकलापों सहित खानपान की इतनी एडिक्ट (आदी) हो चुकी है कि वे बाहर आने के लिए भी तैयार नहीं हैं! आशंका है कि उन्हें विशिष्ट प्रकार के नशे से मदहोश रखा जाता है!

ऐसे अनेक धूर्त और मक्कार बाबाओं की फौज हमने इस देश में अब तक देखी है, जो महिलाओं, युवतियों और कमसिन (नाबालिग) किशोरियों को अपने मठ में अपनी ‘भोगवस्तु’ बना कर रखते आए हैं! केरल के घिनौने स्वामी नित्यानंद का एक तमिल अभिनेत्री के साथ सेक्स सीडी में पकड़ा जा चुका है! गुजरात का आसाराम (बापू मत कहना इसे) एक नाबालिग किशोरी के विनयभंग मामले में जोधपुर की जेल में चक्की में पिस रहा है. उसके बेटे नारायण साईं के सेक्स खेल भी सामने आ चुके हैं! हरियाणा का गुरमीत राम रहीम का किस्सा अभी भी ताजा ही है. वह अपनी रखैल हनीप्रीत के साथ जेल यात्रा पर है. इनके अलावा उत्तरप्रदेश के बाबा रामपाल के बदनाम आश्रम की हकीकत भी बाहर आ चुकी है. वह भी जेल में ही है. फिर राधे मां (जो कम कपड़ों में डांस भी करती है) और कृपा बरसाने वाले निर्मल बाबा भी विवादों में घिर चुके हैं.

अब कुछ चुभते हुए सवाल! आख़िर हमारा ये पढ़ा-लिखा और आधुनिक समाज, क्यों इन पाखंडी बाबाओं के जाल में फंसता है? क्यों वह इनकी शरण में जाता है? क्यों कई माता-पिता अपनी जिम्मेदारियों से बचने के लिए अपनी किशोरवयीन जवान बेटियों को स्वयं ले जाकर ऐसे बाबाओं के मठ में छोड़ देते हैं? क्या सेक्सी बाबाओं के साथ ऐसे मां-बाप भी दोषी नहीं? क्या अब भी समाज की वह सोच बदलना जरूरी नहीं, जिसमें मामूली ‘अला-बला’ के नाम पर या अंधश्रद्धा की आड़ में हम ऐसे पाखंडी-ढोंगी-हवसखोर बाबाओं के चक्कर या फेर में फंस जाते हैं! दरअसल ऐसे मक्कार बाबा, संत परंपरा के नाम पर देश के कलंक हैं! कानूनन इन्हें तो सजा मिलेगी ही! लेकिन समाज ने भी इन मठाधीशों का बहिष्कार करना चाहिए! सच्चे संत और गुरु शायद ही अब कहीं मिलेंगे!