Published On : Tue, Sep 12th, 2017

पांच रूपए में दीनदयाल लंच बॉक्स शांत कर रहा मरीजों के परिजनों की भूख

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नागपुर: नागपुर मध्य भारत का बड़ा मेडिकल हब है। हर दिन हजारों की संख्या में पडोसी राज्यों से मरीज अपने परिजनों के साथ नागपुर पहुँचते है। ऐसे लोगो के लिए झेप संस्था ने सराहनीय उमक्रम शुरू किया है जिसके तहत मरीजों के साथ आये परिजनों को पाँच रूपए में लंच बॉक्स उपलब्ध कराया जा रहा है। धंतोली इलाका प्राईवेट अस्पतालों से पटा पड़ा है। इसी इलाके में आने वाले गौरक्षा सभा के सामने बनी छोटी सी दुकान पांच रूपए में मरीजों के परिजनों की भूख शांत करने की जगह बन गयी है। तीन रोटी और सब्जी वाले दीनदयाल लंच बॉक्स महज पांच रूपए में उपलब्ध है। युवा झेप प्रतिष्ठान के अध्यक्ष संदीप जोशी ने अपने कुछ दोस्तों के साथ मिलकर इस अभियान की शुरुवात की है जिसका मकसद महँगाई के दौर में मरीजों के परिजनों को सस्ता भोजन उपलब्ध करना है।

पांच रूपए में लंच बॉक्स मिलने की जानकारी पाकर कई लोग झेप के सेंटर में हर दिन पहुँचते है। लंच बॉक्स को हासिल करने की एक मात्र शर्त डॉक्टर की पर्ची है जिसे दिखाकर इसे हासिल किया जा सकता है। अस्पताल में भर्ती मरीजों के परिजनों को कई दिन रुकना पड़ता है ऐसे में उन्हें एक वक्त का ही सही सस्ता भोजन उपलब्ध हो पाने पर वह समाधान और संतोष व्यक्त करते दिखाई दिए।

देखे लंच बॉक्स हासिल कर चुके लोगों ने क्या कहाँ

बेटा चाहे तबभी नहीं बंद होगी योजना – माधुरी जोशी,संदीप जोशी की माँ

मनपा में सत्ता पक्ष नेता संदीप जोशी की माँ माधुरी जोशी अपने बेटे के इस प्रयास से खुश है। मौका मिलने पर वह खुद लंच बॉक्स वितरण केंद्र में आकर कामकाज देखती है। माधुरी का कहना है यह प्रयास एक व्यक्ति या संस्था का न होकर समाज का होना चाहिए। परेशान व्यक्तियों की भूख को शांत कराने के इस अभियान से सबको जुड़ना चाहिए। रिटायर टीचर माधुरी के मुताबिक वह इस अभियान को किसी भी हाल में बंद नहीं होने देंगी। इसे भले ही उनके बेटे से शुरू किया हो अगर वह भी चाहे तब भी यह बंद नहीं होगा। वह खुद जितना संभव होगा उतनी मदत करेगी।

नो प्रॉफिट नो लॉस पर चलाए जा रही लंच बॉक्स की योजना के साथ कई लोग जुड़े है। बचत गट चलाने वाली संदीप जोशी की ही समर्थक उर्मिला अपने यहाँ बिना मेहनताने के लंच बॉक्स का खाना तैयार करती है। उर्मिला का कहना है की वह इस अभियान से अपने निजी अनुभव के बाद जुडी है। उन्होंने बताया की धंतोली इलाके के ही एक अस्पताल में उनका भाई भर्ती था तब वह दिन रात अस्पताल में रहती थी। इस दौरान उन्होंने मरीजों के परिजनों को खाने के लिए जद्दोजहद करते करीब से देखा है। इसीलिए संदीप जोशी की तरफ से जब उन्हें इस काम का प्रस्ताव मिला तो वह इसके साथ जुड़ने में देरी नहीं की।

मिल रहा है समाज का सहयोग – प्रकाश चांद्रायण, समन्वयक-दीनदयाल लंच बॉक्स

दीन दयाल लंच बॉक्स योजना के समन्वयक प्रकाश चांद्रायण ने इस योजना की जानकारी देते हुए बताया की अभी हमारा एक सेंटर ही खुला है। जल्द ही दो अन्य सेंटर खुलने वाला है मेडिकल अस्पताल में कुछ दिनों के भीतर लंच बॉक्स मिलाना शुरू भी हो जायेगा। फ़िलहाल इस सेंटर से 300 लंच बॉक्स वितरित किया जा रहा है। साढ़े ग्यारह बजे से डेढ़ बजे तक सिर्फ मरीजों के परिजनों को लंच बॉक्स वितरित किया जाता है इसके बाद बचे लंच बॉक्स रिक्शे और ऑटो वालों को वितरित किया जाता है। इस योजना में हर महीने का ढाई लाख रूपए खर्च अपेक्षित है। जब से हमने यह योजना शुरू की है तब से हमसे कई लोग जुड़ चुके है। एक लंच बॉक्स की महीने भर की अनुमानित लागत 650 रूपए है कई लोगो से एक लंच बॉक्स पर महीने या वार्षिक खर्चे को डोनेट किया है।