Published On : Mon, Feb 1st, 2021

अश्विन मेहाड़िया ने कहा कि इस बार बजट मिश्रित

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दि. 1 फरवरी 2021 को केन्द्रीय वित्तमंत्री माननीय श्रीमती निर्मलाजी सीतारमन द्वारा वर्ष 2021-22 के लिये भारत का पहला ऐताहासिक डिजीटल युनियन बजट पेश किया गया। जिसका सीधा प्रसारण चेंबर सभागृह में आयोजित किया गया।

चेंबर के अध्यक्ष श्री अश्विन मेहाड़िया ने कहा कि इस बार बजट मिश्रित प्रतिक्रिया वाला है। सरकार ने व्यापारियों को कुछ राहत दी है तो उन पर भी शर्ते लगा दी हैं। जैसे अब 75 वर्ष के ऊपर के सिनियर सिटीजन की आय यदि पेंशन एवं ब्याज से आ रही है तो उन्हें किसी भी प्रकार रिर्टन नहीं भरना है और व्यापार पर होने वाली आय पर कर भरना होगा। आयकर के केस रि-ओपन करने की मुद्दत जो पहले 6 वर्ष थी, उसे घटाकर 3 वर्ष कर दिया गया है।Small Tax Payers के dispute समाप्त करने के लिये “Dispute Resolution Committee” झोन के अनुसार गठित की जायेगी। व्यक्तिगत आयकर संबंधी नियमों में कोई बदलाव नहीं गये है। आयकर टैक्स आॅडिट की सीमा रू. 5 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ कर दिया गया, लेकिन यह शर्त लगा दी गयी है कि उनका 95% लेन-देन डिजीटल होना चाहिये।

चेंबर के उपाध्यक्ष श्री संजय के. अग्रवाल ने कहा कि One Man Company में जो शर्ते थी अब हटा दी गई है। जिससे छोटे व मझोले व्यापारियों को कंपनी बनाकर व्यापार करने में सुविधा होगी। पार्टनरशिप फर्म से पार्टनर को केपिटल कांट्रीब्युशन से अधिक आय पर आयकर भरना होगा। किफायती घर खरीदने वालों को लोन ब्याज के भुगतान पर कुल रूपये 1.50 लाख की अस्थायी कटौती का भुगतान करने हेतु 1 वर्ष का समय बढ़ा दिया है जिससे हाऊसिंग सेक्टर में बढ़ोतरी होगी। प्रवासी कर्मचारियों के लिये अफोर्डवेल हाऊसिंग किराये से देने वाने प्रोजेक्ट पर आयकर में छुट दी गयी है।

चेंबर की प्रत्यक्ष कर समिती के संयोजक सी.ए. संदीप जोतवानी ने कहा कि TDS में अब कुछ नए प्रावधान किये गये है। उदाहरण के तौर यदि हम किसी सर्विस प्रदाता का 2% TDS काटते है तो उस सर्विस प्रदाता ने आयकर रिर्टन भरना आवश्यक होगा। यदि उन्होंने रिर्टन नहीं भरा तो सर्विस लेने वाले को दुगना या 5% जो भी अधिक रकम होगी भरना पड़ेगा तथा जिनका वार्षिक टर्न ओवर 10 करोड़ से ऊपर है उन्हें वस्तुओं की खरीद पर रू 50 लाख के ऊपर 0.01% TDS काटना आवश्यक है।

चेंबर की प्रत्यक्ष कर समिती के सहसंयोजक सी.ए. यश वर्मा ने कहा कि कंपनी द्वारा EPF/ESI में कर्मचारियों के अंश को समय पर जमा नहीं कराया गया तो इम्पालय कांट्रीब्युशन पर आयकर में छुट नहीं मिलेगी तथा प्राविडंड फंड में कर्मचारी के अंश की वार्षिक राशी 2.5 लाख से ज्यादा है तथा उस पर ब्याज मिलता है तो करदाता को आयकर भरना होगा।

चेंबर की अप्रत्यक्ष कर समिती के संयोजक सी.ए. रितेश मेहता ने कहा कि जी.एस.टी. को 5 साल होने जा रहे है ऐसे में जी.एस.टी दरों में कोई राहत नहीं दी गयी है। जी.एस.टी. आॅडिट जो कि पहले रू. 5 करोड़ के ऊपर था, उसे पूर्णतः समाप्त कर दिया गया है तथा करदाता को एक Self Declaration देना होगा।

चेंबर के सचिव श्री रामअवतार तोतला ने कहा कि इस वर्ष बजट में सामान्य आदमी एवं महिलाओं का जीवन स्तर सुधारने के लिये स्वास्थ्य योजनाओं एवं शुद्ध जल पर विशेष जोर दिया गया है। इन्फ्रास्ट्रक्चर में किये गये बदलावों से रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे। M.S.P. रेट बढ़ाकर देने से किसानों की आय बढ़ाने की कोशिश की गयी है लेकिन अर्थव्यवस्था के दुसरे घटक छोटे एवं मध्यम व्यापारियों वर्ग को कोई रियायत नहीं दी गयी है। इस बजट से व्यापारी वर्ग को बहुत आशा थी कि छोटे व मध्यम व्यापारियों हेतु विशेष पैकेज के साथ-साथ व्यक्तिगत आय की सीमा बढ़ाने के साथ-साथ आयकर टैक्स स्लेब को घटाया जायेगा। वर्तमान बजट में नागपुर सहित नाशिक मेट्रो के लिये जो फंड बढ़ाया गया है, जो स्वागत योग्य है।

इस अवसर पर चेंबर के सर्वश्री – अध्यक्ष – अश्विन मेहाड़िया, उपाध्यक्ष – अर्जुनदास आहुजा, संजय के. अग्रवाल, सचिव – रामअवतार तोतला, IPP- हेमंत गांधी, कोषाध्यक्ष – सचिन पुनियानी, सहसचिव – उमेश पटेल, शब्बार शाकिर, जनसंपर्क अधिकारी – राजुभाई माखीजा, कार्यकारणी सदस्य – राजन अग्रवाल, मधुर बंग, सी.ए. गिरीश मुंदडा, सी.ए. रितेश मेहता, सी.ए. संदीप जोटवानी, सी.ए. यश वर्मा, योगेन्द्रकुमार अग्रवाल, भास्कर अंबादे, सदस्य व अधिक मात्रा व्यापारीगण व प्रेस मीडिया रिपोेर्टर उपस्थित थे।

यह जानकारी चेंबर के सचिव रामअवतार तोतला ने प्रेस विज्ञप्ति द्वारा दी।