Published On : Thu, Sep 16th, 2021
By Nagpur Today Nagpur News

केंद्र ने बनाया आरक्षण के मुद्दे को जटिल: अशोक चव्हाण

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-यवतमाल जाते समय नागपुर हवाई अड्डे पर पत्रकारों से कहा

नागपुर:​ केंद्र सरकार की वजह से ओबीसी और मराठा आरक्षण का मसला अत्यंत जटिल हो गया है। राज्य के लोक निर्माण मंत्री अशोक चव्हाण ने कहा कि अगर संसद में आरक्षण का मुद्दा उठाए जाने पर ही 50 फीसदी की सीमा हटा दी जाती तो आज विभिन्न समुदायों को आरक्षण प्रदान करना मुश्किल नहीं होता।

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यवतमाल जाते समय उन्होंने नागपुर हवाई अड्डे पर पत्रकारों से बातचीत की। आरक्षण का मुद्दा महाराष्ट्र या मराठा और ओबीसी समुदायों तक ही सीमित नहीं है। देश में कई पिछड़ी हुई जातियां आरक्षण के लिए संघर्ष कर रही हैं। इसलिए सभी को आरक्षण की सीमा के बारे में सोचने की आवश्यकता है। मराठा समुदाय को आरक्षण दिलाने के लिए यह महाविकास आघाडी की एक ईमानदार कोशिश थी।

मराठा समुदाय के पिछड़ेपन को साबित करने का उपयुक्त समय:
इस संबंध में पुनर्विचार याचिका सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। हालांकि याचिका लंबित है, लेकिन यही मराठा समुदाय के पिछड़ेपन को सामने लाने का उपयुक्त समय है। हाल ही में सांसद संभाजी राजे द्वारा अधिकारियों पर की गई आलोचना के बारे उनहोंने कोई बयान देने से मन कर दिया। सरकार और अधिकारी परिस्थितियों के अनुसार अपना कार्य कर रहे हैं। अतः संभाजी राजे भी मुद्दे को सुलझाने में पहल करें और सहयोग करें, यही हम अपेक्षा करते हैं। अशोक चव्हाण ने कहा कि ओबीसी आरक्षण के बिना राज्य में चुनाव का आयोजन करना उचित नहीं होगा।

राउत पर कोई आरोप नहीं:
भाजपा नेता किरीट सोमैया द्वारा लगाए आरोप निराधार हैं। इसके लिए केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल किया जा रहा है। वर्तमान में राजनीतिक प्रतिशोध का माहौल है और यह लोकतंत्र के लिए घातक है। बैठक में कांग्रेस मंत्रियों द्वारा ऊर्जा विभाग को लेकर लगाए गए आरोप निराधार हैं। हालांकि अशोक चव्हाण ने कहा कि ऊर्जा क्षेत्र में आमूलचूल निर्णय लेने की ज़रूरत है।

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