Published On : Sat, Jun 9th, 2018

अरुण जेटली का विपक्ष पर हमला, कहा- माओवादी ताकतों का इस्तेमाल न करें

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कथित हत्या की साजिश के बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने आ गया है. वित्तमंत्री अरुण जेटली ने विपक्षी दलों पर अप्रत्यक्ष वार करते हुए कहा कि एनडीए विरोधी अभियान में माओवादी ताकतों का इस्तेमाल न सिर्फ सरकार के खिलाफ है, बल्कि यह संविधान के भी विरुद्ध है. जेटली ने अपने फेसबुक पोस्ट में कहा, “दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ राजनीतिक दल एनडीए विरोधी अभियान में माओवादियों को अपने औजार के रूप में देखते हैं. आतंकवाद और उग्रवाद का इतिहास हमें यह सीख देता है कि बाघ की सवारी कभी मत करो, अन्यथा उसका पहला शिकार आप ही बनोगे.” उन्होंने कहा कहा, “यह खतरनाक प्रवृत्ति है जिसे सभी राजनीतिक दलों को समझना चाहिए और उस पर अपनी प्रतिक्रिया देनी चाहिए.”

वहीं कांग्रेस ने कहा है कि बीजेपी का ‘दोमुंहापन’ फिर से बेनकाब हो गया है. कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, ‘बीजेपी का दोहरा रवैया और दोमुंहापन फिर से बेनकाब हुआ. केंद्रीय मंत्री अठावले कहते हैं कि दलित कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी ‘अन्याय’ है और एलगार परिषद का हिंसा से कोई संबंध नहीं है.’ उन्होंने कहा, ‘महाराष्ट्र सरकार गिरफ्तार लोगों को ‘माओवादी सदस्य’ बता रही है. प्रश्न यह है कि झूठ कौन बोल रहा है?’

‘हमने इंदिरा, राजीव, नंद कुमार पटेल को खोया है’
साथ ही सुरजेवाला ने हत्या की साजिश पर कहा कि यह बात कांग्रेस से बेहतर कोई नहीं समझ सकता क्योंकि उसने अपने कई शीर्ष नेताओं को खोया है. उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवाद, नक्सलवाद और चरपमपंथ अस्वीकार्य है. कांग्रेस से बेहतर यह कोई नहीं जानता, जिसने महात्मा गांधी, इंदिरा जी, राजीव जी, बेअंत सिंह, (विद्याचरण) शुक्ला जी और नंद कुमार पटेल तथा कई दूसरे नेताओं को खोया है.’’ सुरजेवाला ने कहा कि समय की मांग है कि भीमा-कोरेगांव के मामले में निष्पक्ष जांच होनी चाहिए.

क्या है मामला?
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और राज्य की पुलिस ने दो दिन पहले गिरफ्तार किए गए एक व्यक्ति के पास से कथित रूप से जब्त किए गए एक पत्र का हवाला देते हुए कहा कि नक्सली पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या की तर्ज पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या करने की योजना बना रहे हैं. पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 21 मई, 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरूम्बुदूर में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में महिला आत्मघाती हमलावर ने हत्या कर दी थी.

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फडणवीस ने कहा कि राज्य पुलिस ने दो दिन पहले पांच लोगों को गिरफ्तार करते समय उनके ‘‘अंदरूनी संवाद’’ वाला एक पत्र जब्त किया जिसमें एक नक्सली कमांडर ने अपने कैडर से कहा है कि मोदी की हत्या करनी चाहिए.

पुलिस ने बताया कि पत्र कार्यकर्ता रोना विल्सन के घर से बरामद किया गया जिसे हाल में मुंबई, नागपुर और दिल्ली से पांच दूसरे लोगों सहित गिरफ्तार किया गया था. इन लोगों को दिसंबर में आयोजित किए गए ‘एलगार परिषद’ और उसके बाद जिले के भीमा-कोरेगांव में हुई हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया. पुलिस के अनुसार यह पत्र ‘आर’ नाम के किसी व्यक्ति ने किसी कॉमरेड प्रकाश को लिखा है. इसमें सुझाया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके ‘‘रोड शो’’ के दौरान निशाना बनाया जाए. पत्र में एम-4 रायफल खरीदने के लिए आठ करोड़ रुपये की और साथ ही घटना को अंजाम देने के लिए चार लाख राउंड गोला बारूद की जरूरत की बात की गयी है.

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‘नक्सली हारी हुई लड़ाई लड़ रहे हैं’
केंद्र सरकार ने कहा है कि नक्सलियों की योजना खोखली धमकी से ज्यादा कुछ नहीं है. गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “प्रधानमंत्री की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है. नक्सली एक हारी हुई लड़ाई लड़ रहे हैं. नक्सल विद्रोह काफी कम हो गया है.”

मोदी के मंत्री क्या बोले?
केंद्र की मोदी सरकार में शामिल रामदास अठावले ने कहा कि भीमा-कोरेगांव में दलितों पर हमला हुआ था. इसके विरोध में बुलाए गए महाराष्ट्र बंद में भी कोई नक्सली नहीं शामिल था. रामदास अठावले ने कहा कि नक्सलियों से रिश्ता न होने पर वे भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में गिरफ्तार लोगों की मदद करेंगे. महाराष्ट्र पुलिस ने यलगार परिषद की बैठक में नक्सलियों के शामिल होने का दावा करते हुए पांच लोगों को गिरफ्तार किया है.