Published On : Thu, Dec 20th, 2018

अरिहंत भगवान धर्म और मोक्ष का रास्ता बताते हैं : आचार्यश्री गुप्तिनंदी

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धर्म प्रेम पदयात्रा पहुंची इतवारी

नागपुर: अरिहंत भगवान धर्म और मोक्ष का रास्ता बताते हैं यह उदबोधन प्रज्ञायोगी आचार्यश्री गुप्तिनंदीजी गुरुदेव ने बुधवार को इतवारी लाडपुरा महावीर वार्ड स्थित श्री दिगंबर जैन सेनगण मंदिर के सन्मति भवन में दिया. गुरुदेव ने कहा कि भगवान से हमारा एक ही ध्येय, एक ही सिद्धांत होना चाहिए कि हमारी मति सन्मति हो फिर उसमें किसी की सहमति हो या नहीं हो. हमें सन्मार्ग पर चलना चाहिए.

लक्ष्मी किसी की कभी नहीं हुई, वह तो पुण्य की दासी है, जिसके पास पुण्य है उसके पास अनायास आ जाती है और यदि पुण्य के बदले तीव्र पाप का उदय हो तो आई हुई सम्पत्ति देखते ही देखते अपने हाथों से खिसक जाती है.

आयु भी पानी के बुलबुले के समान क्षणभंगुर है. आयू या पैसा भरोसे लायक नहीं है, ये सब यहीं छूट जाएंगे, बस आपके सत्कर्म या दुष्कर्म ही आपके साथ जाएंगे. जैसे घोर अंधकार में भी एक छोटे से दीपक की रोशनी बहुत दूर तक चमकती रहती है वैसे ही आप रहे या नहीं रहे पर आपके सत्कर्म आपको ही बहुतदूर तक चमकाते रहेंगे. वोट नोट या सपोर्ट के लिए कोई कार्य नहीं करें. अपने अंदर की खोट निकालने का प्रयास करें.

धर्मसभा मे दीप प्रज्ज्वलन जैन सेवा मंडल के मंत्री पीयूष शाह, दिलीप शिवणकर, दिलीप राखे, सतीश जैन पेंढारी, निरंजन बोहरा, सुमत जैन लल्ला, नितीन नखाते, नरेश कासलीवाल, पंकज बोहरा, उदय जोहरपुरकर ने किया. मंगलाचरण पंकज खेडकर, ऋषभ आगरकर, साक्षी खेडकर, विराज खेडकर ने किया. गुरुदेव को जिनवाणी भेट शशिकांत मुधोलकर, कैलाश खेडकर, नरेश कासलीवाल, परिमल खेडकर, पुलक जन चेतना मंच, जैन जागरण मंच ने दी. संचालन सूरज जैन पेंढारी ने किया.

इतवारी पहुची धर्म प्रेम पदयात्रा पूर्व नागपुर से निकली धर्म प्रेम पदयात्रा उत्तर, पश्चिम, दक्षिण नागपुर होते हुए बुधवार की सुबह मध्य नागपुर पहुंची. गंगाविहार दर्शन कॉलोनी नरेश कासलीवाल के निवास से निकली पदयात्रा इतवारी लाडपुरा, महावीर वार्ड स्थित श्री दिगंबर जैन सेनगण मंदिर पहुची. मार्ग में जगह जगह आचार्यश्री गुप्तिनंदीजी गुरुदेव ससंघ का चरण प्रक्षालन, आरती की गई.

नितीन नखाते परिवार द्वारा आशीर्वाद सदन के भव्य अगवानी की गई, संघ पर पुष्पवृष्टी की गई. अर्चना नखाते, वैशाली नखाते, अंतरा नखाते, आनंद नखाते, अधिवक्ता संतोष नखाते, दीपाली राखे, नीलिमा उबाले, उज्ज्वला आगरकर आदि ने आचार्य संघ को अपने सिर पर मंगल कलश लेकर प्रदक्षिणा करते हुए अपने भाव को प्रकट करते हुए वंदन, प्रणाम किया.