मनपा करेगा सभी एवाजदरों में दीपावली पूर्व 80 लाख वितरित
नागपुर: मनपा में आज कर्मचारी – शिक्षक – एवजदर के शिष्टमंडल की मनपा प्रशासन और पदाधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक हुई. इसके उपरांत महापौर ने पत्र परिषद में जानकारी दी कि स्थाई कर्मियों को बकाया महंगाई भत्ते में से तत्काल दीपावली पर्व के लिए 10-10 हजार रुपए और एवाजदारों में 80 लाख रुपए वितरित करने के आदेश दिए गए हैं.
पत्र परिषद में उपस्थित स्थाई समिति सभापति कुकरेजा ने जानकारी दी कि कर्मियों का 6 वां वेतन आयोग का बकाया 125 करोड़ रुपए है. इसके लिए मनपा की समिति अंतिम निर्णय लेकर अपनी रिपोर्ट 45 दिनों में सभागृह के समक्ष रखेगी. आज मनपा की हालात उक्त राशि देने की स्थिति में नहीं है.
महापौर ने जानकारी दी कि दीपावली पर दिए जाने वाली घोषित राशि 5 नवंबर से वितरित की जाएगी. जिसके लिए कार्यालयीन कामकाज दिन रात शुरू है. जिन ठेकेदारों का 2.50 लाख रुपए तक बकाया है, उन्हें पूरा भुगतान किया जाएगा. इसके ऊपर के बकायेदारों को स्थाई समिति सभापति द्वारा घोषित राशि दी जाएगी. मनपा प्रशासन की ओर से संबंधित बैंक को सूचना दे दी गई है.
कुकरेजा के अनुसार बस ऑपरेटरों सह डिम्ट्स,कंडक्टर सप्लायर्स का कुल 48 करोड़ बकाया है. जिसमें से 14.72 करोड़ वितरित किए जाएंगे.
4000 सफाई कामगारों के रिक्त पदों पर भर्ती के सवाल पर महापौर ने जानकारी दी कि संशोधित अकृतबंध को सरकार की मान्यता मिलने के बाद नीतिगत निर्णय लिया जाएगा.
240 दिन काम करने वाले ठेकेदार कामगारों को स्थाई करने के सवाल पर महापौर ने कहा कि इस संबंध में तय समिति समीक्षा कर अगले 3 माह में अपनी रिपोर्ट मनपा सभागृह में पेश करेगी. मनपा के प्राथमिक और माध्यमिक शालाओं को 100% अनुदान देने के सवाल पर महापौर ने जवाब दिया कि यह मामला शासन के दरबार में विचाराधीन है.
मनपा के मंजूर रिक्त पदों के भर्ती के सवाल पर महापौर ने कहा कि वर्तमान अकृतीबंध के अनुसार अतिमहत्वपूर्ण 201 पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू है. नागरिक सेवा का निजीकरण बंद कर मनपा स्वयं पहले की तरह मनपा द्वारा शुरू करने के सवाल पर महापौर ने जवाब दिया कि शासन के प्रचलित नीति के हिसाब से यह मांग पूरी नहीं की जा सकती है.
23 अक्टूबर 2017 को शालेय शिक्षा विभाग द्वारा जारी परिपत्रक को रद्द करने की शिक्षक संघ की मांग पर उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में सरकार के समक्ष मामला विचाराधीन है. उन्होंने बताया कि मनपा कर्मियों की सेवा शर्त नियम तैयार करने की प्रक्रिया शुरू है.
उल्लेखनीय यह है कि मनपा से संबंधित बकायेदारों और कर्मियों की मांग पूरी करने के लिए गाडगे फॉर्मूला नहीं अपनाया जाएगा. गाडगे मनपा के पूर्व लेखा और वित्त विभाग प्रमुख थे. जिन्होंने प्रशासन और पदाधिकारियों के निर्देशों का पालन करने के लिए आरक्षित मद से निधि निकाल कर वितरित कर दी थी. जब वे सेवानिवृत्त हुए तो इसका खुलासा हुआ था, जिसके कारण आज मनपा आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रही है.कुकरेजा ने अंत में यह जानकारी दी कि इसी माह विशेष अनुदान का शेष 175 करोड़ आएगा और जल्द ही मनपा का जीएसटी बढ़कर 90 करोड़ प्रति माह हो जाएगी.