Published On : Thu, Jan 31st, 2019

एनएमआरडीए ने १२८० उद्योगों को जारी किया तुगलकी फरमान

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हो सकते है ८९६०० श्रमिक बेरोजगार

नागपुर ग्रामीण महानगर क्षेत्र विभागो में स्थित १२८० उद्योगों को नागपुर महानगर प्रदेश विकास प्राधिकरण ( एनएमआरडीए) ने हाल ही में नोटीस जारी कर उक्त उद्योगों का निर्माण कार्य व विकास अवैध ठहराया,इस तुगलकी फरमान के खिलाफ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी व्यापारी आघाडी ने नासुप्र सभापति व एनएमआरडीए प्रमुख शीतल उगले को ज्ञापन सौंप नोटिस रद्द करने की मांग की.
उक्त नोटिस से सभी प्रभावित उद्योगों पर संकट का बदल मंडराना शुरू हो गया.इन उद्योगों के बंद होने से लगभग ७५००० नौकरीपेशा बेरोजगार हो जायेंगे।

शिष्टमंडल द्वारा जारी एक विज्ञपति के अनुसार उक्त सभी उद्योग नागपुर जिले में पिछले २० साल से चल रहे हैं.नोटिस द्वारा जानकारी दी गई कि नोटिस प्राप्तकर्ता उद्योग ने वर्ष २०१२ के अनुसार साइड मार्जिन नहीं छोड़ी।बिल्डिंग प्लान भी मंजूरी नहीं करवाई।प्राप्त जमीन का दुरुपयोग या अन्य उपयोग हो रहा हैं.सम्बंधित विभाग से अकृषक प्रमाणपत्र भी प्राप्त नहीं की गई.

नाग विधर्भ चेंबर्स ऑफ कॉमर्स के अनुसार यहाँ के १३ % उद्योग १९९९ के पुर्व के है, ४६ % उद्योग वर्ष २००० से २०१२ एवं १५ % उद्योग की स्थापना वर्ष २०१३ से २०१८ के मध्य हुई है. यह सभी उद्दोग शासन व्दारा मेट्रो विकास मसौदा तैयार करने के पुर्व स्थापित हुई थी.

यहाँ के उद्योग व्यवस्थापन ने उस वक़्त के नियमानुसार व्यवस्थापन साईड मार्जीन छोड़ी है,संबंधीत तहसील कार्यालय के तहसीलदार व्दारा जमीन अकृषक होने का प्रमाणपत्र लिया है और इमारत प्लान की मंजुरी भी ग्रामपंचायत से ली है,इसी आधार पर संबंधीत सरकारी कार्यालयो ने स्थापीत उद्योगों को बिजली कनेक्शन ,बिक्री कर,उत्पादन शुल्क,विस्फोटक नियंत्रण,प्रदुषण नियंत्रण अन्य वित्तिय संस्थाओ ने प्रमाणपत्र दिये है. एनएटीपी व्दारा जारी मानक के अनुसार जमीन का उपयोग किया जा रहा है.

लेकीन मेट्रो विकास मसौदा तयार करने के पुर्व स्थापित उद्योगों को वर्ष २०१८ में नोटीस जारी करते हुए कहा गया कि उद्योग कमर्शियल क्षेत्र में नहीं है, उसे नियमानुसार पुर्नस्थापीत करें और उद्योग प्रतिष्ठान १२० से १६० रु चौरस फुट के हिसाब से विकास शुल्क भरे.

एनसीपी व्यापारी आघाडी के अध्यक्ष स्वप्निल अहिरकर ने उक्त नोटीस को अन्यायकारक बताते हुये कहा की ,उक्त तुगलकी फरमान से उद्योग प्रतिष्ठान बंद हुए तो हजारो हाथ बेरोजगार होंगे एवं इसी प्रतिशत में निवेशनिवेश होगा। इसलिए उक्त नोटिस को रद्द कर उद्योग और उससे जुड़े लोगों को बेरोजगार होने से बचाएं।
शिष्टमंडल में स्वप्निल अहिरकर,रवि पराते,सुदर्शन पनकुले,साहिब अलग,रिषी साहु,अभिजित समर्थ, संजय अग्रवाल, मृणाल साखरे, संकेत भांडारकर उपस्थित थे.