घने जंगल में दस दिनों तक लगा रहेगा मेला
उमरखेड़ (यवतमाल)। महानुभाव पंथ का बड़ा तीर्थस्थल माने जाने वाले अंबाली में आज गुरुवार को घटस्थापना के साथ ही नवरात्र महोत्सव यात्रा प्रारंभ हो गई. राजा अंबाली का यानी प्रभु दत्तात्रय के दर्शनों के लिए आंध्रप्रदेश, जम्मू-कश्मीर, गुजरात, सिंधुदुर्ग, मुंबई सहित दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं. दस दिनों तक विशाल नाम-स्मरण समारोह भी चलता रहता है.
सेवा समिति के अध्यक्ष और ग्रामीण मंडली की ओर से पूर्व जिला परिषद सदस्य भीमराव पाटिल चंद्रवंशी ने बताया कि अंबाली के तीर्थस्थल को सरकार से ‘ब’ श्रेणी मिली हुई है. यह धार्मिक स्थल अंबाली गांव से दक्षिण क्षेत्र के घने जंगलों के बीच स्थित है. इस स्थल में साढ़े 7 सौ साल पुरानी परंपरा है. देश-विदेश से महानुभाव पंथ से जुड़े साधु भी यहां आते हैं और पूरे दस दिनों तक ईश्वर-भक्ति में रमे रहते हैं. लेकिन यहां पर्याप्त सुविधाओं का नितांत अभाव नजर आता है.
इस स्थल को ‘अ’ श्रेणी में लाकर घाट कटाई, रास्तों का डामरीकरण, मजबूत पुल, महिला और पुरुष श्रद्धालुओं के लिए सुलभ शौचालय, स्थायी बिजली आपूर्ति, जलापूर्ति, भक्त निवास, स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जानी चाहिए. सेवा समिति ने मांग की है कि उमरखेड़, नांदेड़, पुसद, यवतमाल और वाशिम के एसटी डिपो प्रमुख कम से कम नवरात्र महोत्सव तक यहां रात में ठहरने वाली बस सुविधा उपलब्ध कराएं. बाहर से आने वाले भक्तों के लिए समिति की ओर से सुबह-शाम के भोजन और नाश्ते की व्यवस्था की गई है.