व्यापारियों को मिली राहत
अमरावती। नगरविकास मंत्री रणजीत पाटिल ने एलबीटी डिफ्रेन्स को लेकर 31 जुलाई तक किसी भी व्यापारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने के आदेश देते हुए शीघ्र ही इस संदर्भ में निर्णय लेने का आश्वासन दिया है. इस निर्णय से शहर के समूचे व्यापारियों को बड़ी राहत मिली है. सोमवार को मुंबई में मंत्री पाटिल के कक्ष में दोपहर 12 बजे एलबीटी डिफ्रेन्स को लेकर जनप्रतिनिधियों के साथ व्यापारियों की मीटिंग हुई. मीटिंग में पालकमंत्री प्रवीण पोटे, विधायक सुनील देशमुख, नगरविकास उपसचिव लोखंडे, मनपा आयुक्त चंद्रकांत गुडेवार उपस्थित थे.
दो वर्षो में कोई निर्णय नहीं
महानगर चेंबर के अध्यक्ष सुरेश जैन ने व्यापारियों का प्रतिनिधित्व करते हुए नगरविकास मंत्री को बताया कि 2012 से एलबीटी के पश्चात इसके दरों में भारी मात्रा में बढोतरी की गई. इस संदर्भ में मनपा आयुक्त तथा आमसभा में महानगर चेंबर व्दारा सुझाये गये दरों के अनुसार एलबीटी दर रहना चाहिए ऐसा लिखित पत्र नगरविकास मंत्रालय को भेजा गया. 22 माह बाद अप्रैल 2014 से संशोधित दर सूची जारी गई. लेकिन वह 2014-15 के लिए लागू की गई. 2012-13 तथा 2013-14 के संदर्भ में दर अंतर के बारे में नगरविकास मंत्रालय ने कोई भी निर्णय नहीं लिया.
21 माह तक कोई आदेश नहीं
पार्षद तुषार भारतीय ने भी बताया कि नागपुर मनपा की आमसभा में प्रस्ताव पारित होने के बाद दो माह में ही सरकारी आदेश पहुंचे, वहीं अमरावती मनपा में 21 माह तक कोई आदेश प्राप्त नहीं हुए, यह व्यापारियों का नहीं सरकार का दोष है. जिस पर पालकमंत्री पोटे और पाटिल ने चर्चा कर मनपा आयुक्त को 31 जुलाई 2015 तक डिफे्रन्स को लेकर किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं करने के आदेश देते हुए शीघ्र ही निर्णय लेने का आश्वासन व्यापारियों को दिया. बैठक में किरण पातुरकर, तुषार भारतीय, संजय अग्रवाल, घनश्याम राठी, ओम खेमचंदानी, निलेश खंडार, रमेश शर्मा, मनोज खंडेलवाल, आनंद भामोरे, अविनाश चुटके, आशुतोष सुईवाले, आशिष भेंडे, जयंत जाजू, प्रदीप खत्री, श्याम भैय्या समेत अन्य व्यापारी उपस्थित थे.