नागपुर: डा. बाबासाहब आम्बेडकर जन्मशताब्दी स्मारक के लिए मनपा ने गत समय 2780 वर्ग मीटर जमीन उपलब्ध कराने का प्रस्ताव किया था. स्मारक को देखते हुए जमीन कम पड़ने की संभावना के चलते खसरा क्रमांक 5/3, 6/7 में से 13.56 एकड़ जमीन स्मारक को देने का प्रस्ताव 2 जुलाई को होने जा रही मनपा की सभा में पारित कर जमीन हस्तांतरित करने के लिए राज्य सरकार को तुरंत प्रस्ताव भेजने की मांग राकां विधायक प्रकाश गजभिए ने की.
उन्होंने कहा कि उपराजधानी में 4 जुलाई से वर्षाकालीन सत्र होने जा रहा है. केवल 2 दिन पहले मनपा की आमसभा होने जा रही है, जिससे यदि इस सभा में मनपा प्रस्ताव पारित करती है, तो इसे तुरंत ही सरकार को भेजा जा सकेगा. साथ ही स्वयं मनपा का शिष्टमंडल मुख्यमंत्री से मिलकर इस मसले को हल कर सकेगा.
खड़से ने की थी घोषणा
उन्होंने बताया कि गत समय शीत सत्र के दौरान विधान परिषद में इसी संदर्भ में उठाए गए प्रश्न पर तत्कालीन राजस्व मंत्री एकनाथ खड़से ने नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव नितिन करीर, राजस्व सचिव रहे मनुकुमार श्रीवास्तव, विभागीय आयुक्त अनूप कुमार, तत्कालीन मनपा आयुक्त श्रावण हार्डीकर, उपजिलाधिकारी सुषमा चौधरी को 14 अप्रैल 2016 के पूर्व मनपा को जमीन हस्तांतरित करने के आदेश दिए थे. यहां तक कि तुरंत ही प्लान तैयार कर जगह का नक्शा मंजूर कर काम की शुरुआत करने के भी आदेश दिए थे. सदन में खड़से द्वारा दिए गए आश्वासन के अनुसार इस जमीन पर स्थित स्टार बस का डेपो मोरभवन में स्थानांतरित किया जाना था. साथ ही निर्माण के लिए आवश्यक निधि का बजट में प्रावधान भी करना था.
मनपा ने नहीं भेजा प्रस्ताव
विधायक गजभिए ने आरोप लगाया कि इस संदर्भ में मनपा को प्रस्ताव मंजूर कर राज्य सरकार को भेजना था, लेकिन 2 वर्ष का कार्यकाल बीत जाने के बावजूद अब तक मनपा की ओर से राज्य सरकार को प्रस्ताव नहीं भेजा गया. आम्बेडकरी जनता के लिए यह भावनिक मुद्दा होने के बावजूद, केवल आश्वासन के आगे कुछ भी नहीं किया गया. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के पास अन्य कार्यों के लिए न केवल जमीन बल्कि निधि भी उपलब्ध है, लेकिन डा. आम्बेडकर स्मारक जैसे महत्वपूर्ण स्मारक के लिए समय तक नहीं है.
इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मनपा की ओर से सुरेश भट सभागृह, स्वामी विवेकानंद स्मारक तैयार किया गया. यह कार्य भी निश्चित ही अभिनंदन योग्य है. लेकिन डा. आम्बेडकर स्मारक, छत्रपति शिवाजी महाराज स्मारक, शाहू महाराज स्मारक, अण्णाभाऊ स्मारक जैसे समाज परिवर्तन के महापुरुषों के स्मारक अब तक क्यों नहीं बन पाए, यह खोज का विषय बना गया है.