Published On : Fri, Jun 25th, 2021

पश्चिमी कोयलांचल (वेकोलि) की ट्रैवेल्स एजेन्सियों पर श्रमिक शोषण का आरोप

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– ट्रैवेल्स माफिया गुप्ता पर करोडों का भ्रष्टाचार व फर्जीवाडा के आरोप,मामले की जांच पड़ताल शुरू

नागपुर: केन्द्र सरकार के अधिनस्थ पश्चिमी कोयलांचल-वेकोलि की ट्रैवेल्स एजेन्सियों पर श्रमिक शोषण का आरोप मढ़ा जा रहा है। श्रमिक शोषण के मामलों मे सबसे अधिक अनियमितता, घोटाला और भ्रष्टाचार मे गोंदिया की श्री बालाजी ट्रैवेल्स ,वेंकटेश ट्रैवेल्स ,चौधरी ट्रैवेल्स और शाबरी ट्रैवेल्स आदि ने तो नियम कानूनों की धज्जियां उड़ाने में कसर नही की है।

बताते हैं कि उक्त तीनों ट्रैवेल्स एजेन्सियों की कमान संभालने वाले ट्रैवेल्स माफिया संदीप गुप्ता के खिलाफ संबंधित विभाग के तत्संबंधित अधिकारियों ने मामले की जांच-पड़ताल शुरु कर दी है।

ज्ञात रहे कि उक्त ट्रैवेल्स एजेन्सियों के शोषित श्रमिकों की तरफ से प्राप्त गोपनीय शिकायत के आधार पर आल इंडिया सोशल आर्गेनाइजेशन ने केन्द्रीय श्रम मंत्रालय,केन्द्रीय भविष्य निर्वाह निधि आयुक्त,कामगार बीमा निगम(E.S.I.C.) के निदेशक,श्रम मंत्रालय के प्रधान मुख्य सचिव,केन्द्रीय गुप्तचर विभाग,तथा महाराष्ट्र राज्य के श्रम आयुक्त को सविस्तार से शिकायत बतौर ज्ञापन सौंपा जा चुका है।
बताते हैं कि वैश्विक कोरोना महामारी से लाकडाऊन की वजह से जांच-पड़ताल में विलंब जरुर हुआ है। हाल ही में ESIC निरीक्षक जांभुलकर से इस सबंध चर्चा हूई जिसमें स्पष्ट हुआ है कि आल इंडिया सोशल आर्गेनाइजेशन द्वारा तथ्यात्मक शिकायत की वजह से अनावेदक पर कठोर कार्यवाई की हो सकती है ?

राज्य कामगार बीमा निगम ESIC के अधिकारियों ने ठेकेदार गुप्ता के खिलाफ नागपुर स्थित उद्योग व श्रम न्यायालय मे मामला दायर की औपचारिकता प्रारंभ कर दी गई है। ESIC निरीक्षक जांभुलकर इस प्रकरण की सच्चाई का पता लगाने गोंदिया स्थित ट्रैवेल्स एजेन्सियों के कार्यालय पंहुचे तो ट्रैवेल्स माफिया संदीप गुप्ता ने सच्चाई दर्शाने के बजाय असलियत को छिपाने का प्रयास किया और श्रमिकों के नामों की सूची देने मे काफी आनाकानी करने की कोशिशें की। परंतु ESIC की तरफ से जारी नोटिस के बाद ट्रैवेल्स एजेंसी ने जल्द ही श्रमिकों की सूची देने का आश्वासन देकर मामले को लंबा खींचने का प्रयास किया है।

गोपनीय सूत्रों के मुताबिक इन 3-4 ट्रैवेल्स एजेन्सियों के पास करीबन 250 से 300 श्रमिक कार्यरत होने का अनुमान है।जिसमें वाहन चालक, क्लीनिक,मैकेनिकल और कार्यालयीन स्टाप कर्मियों का समावेश है।

इस संबंध में औद्योगिक व श्रमिक कानूनी सलाहकारों की माने तो जिस दिन श्रमिकों की PF भुगतान शुरु होता है उसी दिन से कामगार राज्य बीमा (ESIC)की राशि का भुगतान लागू होता है। ESIC निरीक्षक के मुताबिक ट्रैवेल्स एजेंसी ‘श्री बालाजी ट्रैवेल्स’ ने दो साल पूर्व सिर्फ ESIC का पंजीयन करवाया परंतु उसने ESIC राशि का भुगतान किया नही ?

अन्यायग्रस्त श्रमिकों की ओर से मौखिक रुप से गोपनीय सूचना के मुताबिक करीब 15 से 20 सालों से कार्यरत एजेन्सियों के शोषित श्रमिक बीमार होने पर रोग निदान स्वास्थ्य उपचार तथा औषधियां खरीदने स्वयं के खर्चे से कर रहे है जबकि यह खर्चा कामगार राज्य बीमा निगम ESIC की तरफ से श्रमिकों का रोग निदान उपचार तथा औषधियां उपलब्ध कराने का नियम है। परंतु ट्रैवेल्स एजेन्सियों के मुख्य नियोक्ता संदीप गुप्ता ने सरकारी नियम और कानून की धज्जियां उड़ाते हुए श्रमिकों की ESIC की रकम की चोरी की है। इस प्रकरण में वेकोलि मे वाहन आपूर्ति का ठेकाधारक ठेकेदार गुप्ता पर सरकार के साथ धोखाधड़ी तथा आर्थिक अपराध के जुर्म में दण्डात्मक कार्यवाई के अलावा जेल की सजा भी हो सकती है।

बताते हैं कि ट्रैवेल्स संचालक गुप्ता बड़ा ही चालाक और धूर्त होने की वजह से संबंधित अधिकारियों को गुमराह करने में माहिर हैं।इतना ही नहीं रातों रात करोड़पति बनने के लिए वह फर्जी दस्तावेज तैयार करवाने में भी पीछे नहीं है।आरोप के मुताबिक ट्रैवेल्स माफिया ने अभी तक यातायात पुलिस-प्रशासन,पुलिस स्टेशन प्रभारी-थानाध्यक्ष,PF निरीक्षकों ,ESIC निरीक्षकों न्युनतम वेतन निरीक्षक, श्रम अधिकारियों,श्रम आयुक्त विभाग तथा उद्योग व कामगार विभागों के प्रभारी अधिकारियों को मुंह मांगे रिश्वत ले-देकर मामलों की लापापोती करवा चुका है।

इतना ही नहीं इस ट्रैवेल्स माफिया पर वाहनों की खरीदी बिक्री मामले मे भी बड़ा गोलमोल व फर्जीवाडा करने का आरोप है ? जिसमें एक ही नंबर की दो- दो वाहन शुरु करने के मामले में वह गिरप्तार भी हो चुका है एवं सबंधित अधिकारियों को असलियत से गुमराह करने में भी वह माहीर साबित हुआ है। सभी विभाग के अधिकारी बिकाऊं है सिर्फ उन्हें उनकी कीमत मिलनी चाहिए। आज राजनेताओं-मंत्रियों और अधिकारियों को मुहमांगे कमीशन दिए बिना कोई काम नही बनता ?

इस सबंध में ट्रैवेल्स माफिया संदीप गुप्ता ने अनेक राजनेताओं और अधिकारियों ने कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार मे लिप्त होने की जानकारी महानगर की एक आलीशान होटल मे आयोजित रंगीली पार्टी मे उजागर की थी.

इतना ही नहीं इस ट्रैवेल्स माफिया के काले कारनामों की वजह से वेकोलि प्रशासन तथा महाराष्ट्र राज्य शासन को करोड़ों रुपये की वित्तीय हानी का सामना करना पड़ रहा है।जिसमे राज्य परिवहन मे यातायात नियमों का उलंघन, विभाग, आयकर चोरी, जीएसटी चोरी,बिक्रीकर चोरी,फर्जी दस्तावेज के जरिए वाहनों की चोरी,फर्जी दस्तावेज के जरिए सरकार के साथ धोखाधड़ी तथा RTO अधिकारियों की खरीद फरोख्त का भी आरोप इस वाहन आपूर्ति का ठेका धारक संदीप गुप्ता लगाया जा चुका है।