Published On : Sat, Jun 23rd, 2018

वार्ड अधिकारिओं की मजबूत पकड़ के आगे सब नतमस्तक

NMC Nagpur

नागपुर : आज के दौर में मनपा में संख्याहल में कम लेकिन संगठित कोई है तो वे हैं मनपा के वार्ड अधिकारी. इनके एकता को सलाम कर मनपा प्रशासन और मनपा में राजनीत करने वाले तथाकथित सफेदपोश इनके आगे नतमस्तक हैं. इसलिए मनपा के मूल कर्मी वरिष्ठ रहने के बाद भी नियमित आला अधिकारी पद तक नहीं पहुंच पा रहे हैं.

ज्ञात हो कि लगभग एक दर्जन वार्ड अधिकारियों की कुछ वर्ष पूर्व नियुक्ति मनपा प्रशासन ने की थी, ताकि इन्हें सभी जोन में बतौर जोन प्रमुख बनाकर प्रशासकीय कामकाज का निपटारा किया जा सके. ये नियुक्त अधिकारी वार्ड अधिकारी थे. जैसे जैसे दिन बीतता गया इन्होंने तब से ही पद नाम में बदलाव कर खुद सहायक आयुक्त लिखना शुरू कर दिया. और गिने-चुने होने के कारण संगठित हो गए. एकता के कारण मनचाहा पद पाने में उन्हें सफलता मिलनी शुरू हो गई. आज वे जोन से मनपा मुख्यालय के विभिन्न लाभप्रद विभागों के मुखिया बने बैठे हैं.

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इसके बाद पकड़ को और मजबूत कर इन्होने प्रशासन पर सत्तापक्ष के मार्फ़त पदोन्नति के लिए दबाव बनाया. जबकि इनकी नियुक्ति के वक़्त वार्ड अधिकारी पद पर नियुक्ति और सेवानिवृत्ति भी इसी पद से होना तय होने की जानकारी एक वार्ड अधिकारी ने ही दी है.

मनपा के कागजात कह रहे हैं कि मनपा में उपायुक्त के समक्ष ५०% भर्ती उक्त वार्ड अधिकारियों में से की जाए. भर्ती के वक़्त इनके वार्ड अधिकारी कार्यकाल को वरिष्ठ होने का आधार बनाया जाए.

इस चक्कर में मनपा के मूल कर्मी अब कुछ वर्षों तक उपायुक्त जैसे पद पर गुणवत्ता और लायक होने के बाद भी नहीं पहुच पाएंगे. कारण वार्ड अधिकारी दर्जनभर हैं. मनपा में उपायुक्त पद ७ हैं. जिसमें से ५ बाहरी अधिकारी हैं और एकमात्र मनपा का मूल कर्मी है. रिक्त एक पद के लिए वार्ड अधिकारी की लॉबी सक्रिय है.

चर्चा है कि उक्त ५ बाहरी अधिकारियों में से १ को अतिरिक्त आयुक्त का प्रभार दिया जा सकता है. रिक्त २ सह एक प्रभारी उपायुक्त पद पर वार्ड अधिकारियों में से ३ को समायोजित करने की जीतोड़ कोशिश प्रशासन और पदाधिकारी के माध्यम से जारी है. इस मामले के जानकर मनपा कर्मचारी संगठन का मौन रहना समझ से परे है. मनपा के जानकार नागरिकों ने मनपायुक्त से गुजारिश की है कि उक्त मामले की सूक्ष्म तहकीकात कर अन्यायग्रस्त मनपा के मूल कर्मियों को न्याय दिलाएं. क्यूंकि आज तक जितने भी आयुक्त हुए हैं सब वार्ड अधिकारी के हितैषी रहे हैं.

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