Published On : Tue, Jan 8th, 2019

मिड डे मील की जांच करने आए अधिकारी को ‘द अक्षय पात्र फाउंडेशन ‘ ले जाया ही नहीं गया

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नागपुर के मिड डे मील के अधिकारी कर रहे है मामले को दबाने का प्रयास

नागपुर- नागपुर शहर की स्कूलों में मिड डे मील चलानेवाली ‘ द अक्षय पात्र फाउंडेशन ‘ में खाने में अनियमिताएं पाई गई थी. जिसे नागपुर टुडे की ओर से प्रकाश में लाया गया था. लेकिन इस मामले से जुड़े लोगों को बचाने और दबाने की जिला परिषद के अधिकारी पूरी कोशिश कर रहे हैं. इसका जीता जागता उदाहरण मंगलवार को देखने मिला. जब दिल्ली के मानव संसाधन मंत्रालय (एचआरडी मिनिस्ट्री ) के अधीन अंडर सेक्रेटरी अर्णव ढाकी जब मिड डे मील के खाने में अनियमितताओ की जांच करने आए तो उन्होंने द अक्षय पात्रा फाउंडेशन की जांच ही नहीं की. यही नहीं नागपुर के मिड डे मील के अधिकारी उन्हें वहां लेकर जाने की बजाए ढाकी को उत्तर नागपुर के गौतम विद्यालय, गांधीबाग स्थित सिंधी हिंदी प्राथमिक शाला, गांधीबाग स्थित विद्यानंद हाईस्कूल और खापरी की जिला परिषद स्कूल ले गए. जिस वजह से यह पूरा मामला ही दबाने की कोशिश की जा रही है, यह कहने से भी इंकार नहीं किया जा सकता.

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जानकारी के अनुसार अर्णव ढाकी चंद्रपुर भी गए थे. उन्होंने जांच में क्या पाया और जांच रिपोर्ट क्या कहती है, इसकी कोई भी जानकारी नागपुर के मीड डे मील जिला परिषद के सुपरीटेंडेंट गौतम गेडाम ने नहीं होने की बात कही.

इस पूरे मामले में आरटीई एक्शन कमेटी के चेयरमैन मो. शाहिद शरीफ ने कहा कि संस्था में अनियमिताएं पाई गईं थीं और यह मामला केंद्र तक पंहुचा था. जो मामला मिड डे मील को लेकर उठा था वह पूरा दबाया जा रहा है. उनकी कमेटी की ओर से राष्ट्रीय बाल अधिकार आयोग में शिकायत भी की गई थी. नागपुर के प्रशासन के अधिकारी दिल्ली से आए अंडर सेक्रेटरी अर्णव ढाकी को द अक्षय पात्र फाउंडेशन में क्यों नहीं लेकर गए, यह सवाल उठता है. अधिकारियो को यह दिखाना चाहिए था. इसमें सभी अधिकारियों के मिले होने का आरोप भी उन्होंने लगाया है. दिल्ली से जो टीम जिस जांच के लिए आई थी वह काम हुआ ही नहीं. दिल्ली टीम को स्कूल लेकर जाया गया.

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