जय श्री गजानन क उद्घोष से गूंज उठी अकोला नगरी
अकोला। लाखों-करोडों भक्तों के आराध्य देव संत शिरोमणी श्री संत गजानन महाराज की पालखी गुरूवार को सुबह 7 बजे शहर की सीमा पर स्थित भौरद पहुंची. पालकी गुरूवार को सुबह 7 बजे शहर की सीमा पर स्थित भौरद पहुंची. पालकी में शामिल वारकरियों को दो घंटे का विश्राम करने के पश्चात पालकी शहर के विभिन्न मार्गो से मार्गक्रमण कर पुराना शहर के हरिहर पेठ में विश्राम करेगी. आषाढी एकादशी पर पंढरपूर के महोत्सव में शामिल होने के लिए सभी स्थान से वारकरियों समेत पालकी पहुंचती है. आराध्य देवता संत श्री गजानन महाराज शेगांव की पालकी विगत 48 वर्षो से अविरत पंढरपूर के लिए अपने तय समय पर निकलती है. हिन्दू वर्ष में धार्मिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण समझे जाने वाले अधिक (पुरूषोत्तत) मास होने की वजह से श्री की पालकी निकलती है जो आषाढी एकादशी में पंढरपूर पहुंचती है.
इस मौके पर हजारों की संख्या में भाविक श्री के रजत मुख के दर्शन करते है. अकोला शहर के सीमा पर स्थित ग्राम भौरद में गुरूवार को पालकी के साथ शेगांव से निकले 650 वारकरियों का जत्था सुबह 7 बजे पहुंचा. अकोला शहर के सीमा क्षेत्र पर पहुंचने पर स्थानीय नागरिकों ने रजत मुख का दर्शन कर पालकी में शामिल हुए. दो घंटेशंकरलाल खंडेलवाल विद्यालय में विश्राम करने के पश्चात पालकी शहर के मार्गो पर भ्रमण करने के लिए निकली. अकोला में श्री की पालकी के स्वागत की तैयारियां बडे जोरों से की गई थी. अकोला शहरवासियों समेत ग्रामीण अंचलों के नागरिकों को श्री के दर्शन आसानी हो जाए उसके लिए व्यवस्था की गई थी. मुंगीलाल बाजोरियों में भाविक श्री के दर्शन कर प्रतिवर्षा नुसार इस वर्ष महाप्रसाद का वितरण कर योगीराज के जीवन पर फिल्म दिखाई गई.
शहर के इन क्षेत्रों में हुआ भ्रमण
शुक्रवार को पालकी सुबह 6 बजे बस स्टॅड, टावर चौक, एलआयसी कार्यालय, रतनलाल प्लाट चौक, सिविल लाईन, नेहरू पार्क, गौरक्षण मार्ग, पुराना इन्कम टैक्स चौक, हिंदू ज्ञानपीठ, आदर्श कालोनी में महाप्रसाद का वितरण किया गया. जिसके पश्चात संभाजी नगर, डा. शेवाले के बंगले के सामने से गजानन महाराज मंदिर, बोबडे डेयरी, सिंधी कैंप, अशोक वाटिका, सर्वोपचार अस्पताल, जिला परिषद कार्यालय, सरकारी बगीचा, खोलेश्वर, सिटी कोतवाली, लोहा पुल, जयहिंद चौक, राजराजेश्वर मंदिर के सामने से होते हुए हरिहर पेठ में स्थित शिवाजी विद्यालय में विश्राम के लिए रुकी.
पालकी ने इन रास्तों पर किया मार्गक्रमण
गजानन महाराज संस्थान शेगांव की ओर से शहर में पालकी का मार्ग तय किया गयाा था. जिससे पालकी शंकरलाल खंडेलवाल महाविद्यालय गोडबोले प्लाट पहुंच कर विश्राम करने के बाद 9 बजे पालकी गोडबोले प्लाट, पुराना शहर, गजानन चौक, संत ज्ञानेश्वर मंदिर, कस्तूरबा अस्पताल के पीछे से होते हुए शिवचरण मंदिर, श्रीवास्तव चौक, विठ्ठल मंदिर, लोखंडी पुल से होते हुए राम मंदिर, तिलक मार्ग, मंगलदास मार्केट, अकोट स्टैड, संतोषी माता चौक, दीपक चौक, कलाल की चाल, पुराना वाशिम स्टैंड, खुले नाट्य गृह, पंचायत समिति के सामने से होते हुए कालंका माता मंदिर, स्वालंबी विद्यालय, मुंगीलाल बाजोरिया विद्यालय के प्रांगण में श्री के पालकी को विश्राम दिया गया.