Published On : Tue, Jun 23rd, 2015

अकोला : जादू टोना विरोधी कानून का अमल जरूरी : मानत

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Jadutona
अकोला।
विगत 20 दिसम्बर 2013 को लादू जादू टोना विरोधी कानून का अमल अब तक सही तरीके से कहीं हो पा रहा है. अंधश्रद्धा निर्मूलन का काम समाज में वैज्ञानिक दृष्टीकोण को बढावा देने वाला कार्य है.इसके कारण समाज विवेकशील बनता है, इसलिए सामाजिक संगठन, पत्रकार तथा पुलिस प्रशासन ने जादू टोना विरोधी कानून के प्रचार व प्रसार व अमल के लिए सहयोग करना चाहिए यह आवाहन अ.भा. अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के संस्थापक संगठक प्रा. श्याम मानत ने किया. अकोला के शासकीय विश्राम गृह में आयोजित पत्रकार परिषद में वे बोल रहे थे.

उन्होंने बताया कि जादू टोना विरोधी अधिनियम पीआईएमसी की ओर से समुचे प्रदेश में विविध जनजागृति उपक्रम चल रहे हैं. इसी उपलक्ष्य में अकोला पधारे प्रा. मानव पत्रकारों से बातचीत करते हुए बोल रहे थे. पत्र परिषद में समन्वयक प्रवीण गांगुर्डे, शरद वानखडे, अशोक घाटे, किशोर वाघ, जिला संगठक डा. गजानन पारधी, देवानंद फूंसे, स्वप्ना लांडे उपस्थित थे. प्रदेश के 35 जिलों में इस कानून को लेकर व्याख्यान आयोजित किए जा रहे हैं. जिसके लिए तीन प्रशिक्षण शिविरों से 230 वक्ता तैयार किए गए हैं.

400 शाला महाविद्यालयों में चमत्कार के प्रयोग दिखाए गए तथा प्रशिक्षित वक्तओं ने इसका विश्लेषण किया इसी कडी में मंगलवार को अकोला 25 जून को यवतमाल, 29 को अमरावती, 7 जुलाई को गोंदिया में, 3 जुलाई को नागपूर में कार्यशालाएं आयोजित की जा रही है. नरेंद्र दाभोलकर की हत्या मामले में अब तक आरोपी न पकडे जाने के सवाल पर उन्होंने स्पष्ट किया कि जो भी व्यक्ति इससे जुडे हुए हैं. उनका ब्रेन वाश किया गया है. यही वजह है कि वारदात के बाद उन्होंने क्या किया यह वे भूल चुके हैं जिससे पुलिस सूत्रधार तक नहीं पहुंच पा रही है. जादू टोना विरोधी अधिनियम का अमल करने के लिए प्रत्येक पुलिस अधीक्षक कार्यालय में विशेष कक्ष के निर्देश दिए गए हैं.