नागपुर: मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आगामी तीन वर्ष के भीतर विदर्भ और मराठवाड़ा में दुग्ध उत्पादन को दोगुना करने का भरोषा किसानों को दिया है। रेशमबाग मैदान में आयोजित आठवे एग्रोविजन कृषि प्रदर्शनी का उद्घाटन करने पहुँचे मुख्यमंत्री ने कहाँ की राज्य में दुग्ध व्यवसाय को और किसी ने नहीं बल्कि नेताओं ने डुबाया है। नेताओ ने सिर्फ अपनी डेरी के विकास का ध्यान दिया जबकि सरकारी योजना और डेरियों का बंटाधार कर दिया। राज्य सरकार दूध उत्पादन के क्षेत्र में गंभीरता से काम कर रही है सरकार ने दुग्ध व्यवसाय को विकसित करने के लिए आरे शक्ति नाम से योजना बनायीं है जो सरकारी योजना को फिर से पटरी पर लाने का काम करेगी। मुख्यमंत्री ने आने वाले तीन साल के भीतर विदर्भ और मराठवाड़ा में दूध का उत्पादन दोगुना करने का भरोषा दिलाया।
मुख्यमंत्री के मुताबिक कृषि क्षेत्र का विकास चुनौतीपूर्ण काम है खेती तभी फायदेमंद होगी तब उत्पादकता बढ़ेगी। बीते दो वर्षो में राज्य सरकार ने जो कदम उठाये है उसका सीधा फायदा कृषि क्षेत्र को होगा जलयुक्त शिवर योजना की वजह से पानी की उपलब्धता बढ़ी है जिसका सीधा फायदा खेती में होगा। उत्पादकता बढ़ाने के लिए प्राकृतिक खेती और तकनीक को बढ़ावा देना जरुरी है। खेती अज्ञानता की बजाय ज्ञान के साथ हो तो फायदेमंद साबित होगी और किसानों को ज्ञानी बनाने का काम एग्रोविजन कृषि प्रदर्शनी कर रही है।
उत्पादकता में महाराष्ट्र का प्रदर्शन निराशा जनक रहा है। बीते वक्त में उत्पादकता के मामले में राज्य निगेटिव 16 पॉइंट तक जा चुका था पर अब जिन योजनाओ के साथ राज्य काम कर रहा है उससे पांच से दस प्रतिशत तक पॉजिटिव पॉइंट में बढ़ोतरी होगी। ड्रिप खेती उत्पादकता बढ़ाने के लिए फायदेमंद है उसका विकास किया जा रहा है। सरकार ने राज्य के कपास उत्पादक जिलो में टेक्सटाइल पार्क बनाने का फैसल किया है। अमरावती के मोर्शी में निर्मित होने वाले पार्क की वजह से फार्म तो फैशन की संकल्पना साकार होगी।
अज्ञानता से नही ज्ञान से विकसित होगा खेती उद्योग
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को आठवी एग्रोविजन कृषि प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने तकनीक और पारंपरिक पद्धति के माध्यम से खेती उद्योग के विकास की बात कही। मुख्यमंत्री ने कहाँ की खेती कृषि क्षेत्र का विकास चुनौतीपूर्ण काम है खेती हमेशा ज्ञान के साथ होनी चाहिए और किसानों को ज्ञानी बनाने का काम एग्रोविजन कृषि प्रदर्शनी.
प्रदर्शनी के प्रवर्तक नितिन गड़करी ने अपने संबोधन में कहाँ की एग्रोविजन कृषि प्रदर्शनी की शरुवात आत्महत्याग्रस्त विदर्भ में किसानों को फायदे की खेती के गुर सीखने के उद्देश्य से हुयी थी। अब एग्रोविजन नागपुर में अपना स्थायी कार्यलय खोलेगी जहाँ किसानों का लगातार प्रशिक्षण किया जायेगा। इस वर्ष कपास और सोयाबीन का उत्पादन बढ़ा है अगर हम ड्रिप खेती का रास्ता अपनाते है तो उत्पादकता बढ़ेगी। दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में और विकास किये जाने की आवश्यकता है। सरकार ने दुग्ध उत्पादन के विकास के लिए एनडीटीबी के साथ मिलकर विदर्भ केसभी जिलो में काम शुरू किया है इसका फायदा जल्द सामने आएगा।