नागपुर – जब से नई कचरा संकलन कंपनियां आई है हर बार कार्यप्रणाली में कुछ ना कुछ विकृतियां होती जा रही है । कभी कर्मचारियों की भर्ती को लेकर रिश्वत तक के तौर पर घोटाले किए जा रहे हैं, कभी कचरे का वजन बढ़ाने के लिए मिट्टी के भरे हुए ट्रक पकड़े जा रहे हैं, इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए सरकार के जीआर का उल्लंघन करके एजी एनवायरो कंपनी, जिसके जिम्मे नागपुर के पांच जोन का कचरा संकलन कार्य है उसने कार्यरत कर्मचारियों को मीटिंग के बहाने सुदर्शन सभागृह में बुलाकर दबाव बनाकर सेवानिवृत्ति कर दी।
अब वर्षों से कार्यरत कर्मचारियों और जो रिश्वत देकर काम पर लग गए थे उन कर्मचारियों के सामने परिवार के पोषण का यक्ष प्रश्न खड़ा हो गया है। इस कोरोना महामारी के समय उन्हें नया रोजगार कौन देगा , इसका विचार मनपा प्रशासन ने करना चाहिए था परंतु प्रिंसिपल एंपलॉयर मनपा के अधिकारी व एजी एनवीरो इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड के मिलीभगत से 180 परिवारों के सामने जीवन-मरण का प्रश्न खड़ा हो गया है ।
मनपा पर कई वर्षों से काबिज भाजपा प्रशासन के आखरी वर्ष मे मनपा में चल रही धांधलीया और अनियमितताओं का यह जीता जागता उदाहरण है कि जिन सफाई कर्मचारियों ने कोविड-19 के पीक आवर में सारे नागपुर की सेवा अपनी जान हथेली पर लेकर की है उन्हीं कर्मचारियों को लात मार कर कंपनी से भगा दिया गया है । असंगठित कामगार कांग्रेस के अध्यक्ष युगल विधायक ने कर्मचारियों को आश्वासन दिया है कि उनके साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा और शहर कांग्रेस अध्यक्ष विकास ठाकरे के मार्गदर्शन में इसके विरोध में असंगठित कामगार कांग्रेस मनपा आयुक्त से मिलकर हल निकाले या तीव्र आंदोलन करने की तैयारी कर चुकी है.