– इससे कई गुणा अधिक सेवा दे रही थी KANAK
नागपुर – शहर का कचरा संकलन के लिए KANAK का समय सीमा समाप्त होने के बाद उससे कई गुणा अधिक कीमत देकर AG ENVIRO और BVG को मनपा प्रशासन ने शहर सीमा का दो हिस्सा कर कचरा संकलन की जिम्मेदारी दी.लेकिन उक्त दोनों कंपनी टेंडर शर्तों को दरकिनार कर शहर को अस्वस्थ्य कर रही.इसकी खास वजह यह भी हैं कि उक्त दोनों कंपनी के झांसे में अधिकारी,पदाधिकारी और नगरसेवक वर्ग आ चुके हैं.
दोनों ही कंपनी अपने अधीनस्त 5-5 ज़ोन की जिम्मेदारी छोड़ झांसे में आए सभी को मासिक कमीशन बाँट रही,नतीजा सभी ने चुप्पी साध शहर को वैसे ही छोड़ दिया।जोनल हेल्थ ऑफिसर से लेकर पदाधिकारी ( सभापति को छोड़कर ) को मांग अनुरूप कमीशन नगदी में बाँटने का सिलसिला जारी हैं,इसलिए कोई भी अधिकारी या पदाधिकारी उक्त दोनों कंपनी के खिलाफ में कोई पहल नहीं कर रहा.जोनल हेल्थ ऑफिसर को 25000 से 35000 मासिक दी जाने की विश्वसनीय जानकारी एक जोनल अधिकारी ने नाम न छापने के शर्त पर बताया।
बीच में AG-BVG ने मासिक कमीशन देने में जोनल हेल्थ ऑफिसर से आनाकानी की तो वे उनका नुकसान कर दिए थे फिर समझौते के तहत मामला सुलझा।
जोनल हेल्थ ऑफिसर कमीशन के एवज में काम न करने के पर भी मुँह मांगी बिल बना पर हस्ताक्षर कर रहे,कचरा संकलन नियमित न होने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं कर रहे,दोनों ठेकेदारों के पास टेंडर शर्तो के अनुसार मशीनरी न होने के बावजूद उन्हें संभाले हुए हैं,कर्मियों का आभाव,कचरों के जगह मलवो जैसे भारी वजनदार सामग्री उठाने को नज़रअंदाज कर रहे.AG रेलवे परिसर का कचरा भी संकलन कर रही और BVG तो पूर्व-दक्षिण नागपुर के मलवे-मिटटी उठाते देखे गए,जिसकी वीडियो भी प्रशासन को देने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई.
उल्लेखनीय यह हैं कि जोनल हेल्थ ऑफिसर का सरगना मनपा मुख्यालय में तैनात हैं,जिसे ‘राठो’ के नाम से जाना जाता हैं.जो आला अधिकारियों को संभालने का काम कर रहा.इसलिए उक्त दोनों ठेकेदार कंपनियां किसी भी बैठक में अपने कर्मियों को भेज बैठक की महत्ता ख़त्म कर रहे.
इनसे कहीं बेहतर KANAK थी जो टेंडर शर्तो में न होने के बावजूद अतिरिक्त काम कर दिया करती थी.कर्मियों को समय पर वेतन सरकारी नियमानुसार देती थी.क्यूंकि KANAK कमीशन नहीं दे पा रही थी,इसलिए कमीशन पर आधारित कंपनी को मनपा में लेन का काम सफेदपोशों ने किया।