नागपुर: मंगलवार को सामने आये कर्नाटक विधानसभा चुनाव नतीजों में बीजेपी सबसे पार्टी बनकर उभरी है। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के अनुकुल आये चुनाव परिणाम बीजेपी का हौसला जरूर बढ़ाएगा लेकिन क्या इस चुनाव का परिणाम महाराष्ट्र में लोकसभा के होने वाले उपचुनाव में भी असर करेगा। कर्नाटक चुनाव के बाद अब नजरें अहम राज्य महाराष्ट्र के पालघर और भंडारा गोंदिया संसदीय सीट में होने जा रहे उपचुनाव में टिकी है।
इस दोनों की सीटों पर कांग्रेस, बीजेपी, राष्ट्रवादी कांग्रेस और शिवसेना अपने-अपने हिसाब से राजनीतिक दाव चल रहे है। बीते दिनों उत्तरप्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गढ़ गोरखपुर के साथ फूलपुर संसदीय सीट में बीजेपी को मिली करारी शिकस्त के बाद राज्य के सीटों को जितना बीजेपी के लिए नाक बचाने का सवाल होगा। भंडारा-गोदिया से बीजेपी की टिकिट से सांसद बने नाना पटोले ने पार्टी के भीतर मोदी साम्राज्य को चुनौती देते हुए उनके नेतृत्व पर न केवल सवाल उठाया बल्कि नीतियों की आलोचना करते हुए पार्टी से अलग हो गए।
भंडारा-गोदिया में होने जा रहा उपचुनाव मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के लिए भी अहम का चुनाव है। पटोले ने न सिर्फ सीएम की आलोचना की बल्कि उन पर निजी हमले भी किये। राज्य की दो सीटों पर होने जा रहे उपचुनावों ने राज्य की राजनीति को नया रंग दे दिया है। पुराने दोस्त जो बिछड़ गए थे वो फिर साथ आ चुके है इस दोस्ती के लिए पटोले ने अपनी सीट तक कुर्बान कर दी। सत्ता में साथ की हिस्सेदारी रखने वाली शिवसेना अपनी ही सहयोगी के ख़िलाफ़ चुनाव लड़ रही है।
राज्य में गढ़ी जा रही नई किस्म की राजनीति कैसा होगा ये 28 मई को को तय हो जायेगा। लेकिन इन दोनों सीटों में होने जा रहा उपचुनाव कर्नाटक में हुये चुनाव से कम महत्त्व नहीं रखता कम से काम भंडारा-गोंदिया सीट पर होने वाला चुनाव,इस सीट पर आने वाला चुनाव परिणाम विदर्भ की राजनीति को प्रभावित करने के साथ ही एक वर्ष बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में विदर्भ में महत्वपूर्ण रोल अदा करेगा।