नई दिल्ली: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मंजूरी के साथ ही जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू हो गया है. जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल एन एन वोहरा ने मंगलवार को राष्ट्रपति कोविंद को राज्य के हालात पर रिपोर्ट भेजी थी और राज्य में केंद्रीय शासन लगाने की सिफारिश की थी जिसे आज राष्ट्रपति कोविंद ने मंजूरी दे दी है. मंगलवार को बीजेपी ने महबूबा मुफ्ती सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था जिससे राज्य में सरकार गिर गई थी ऐसे में इस बात की संभावना थी कि राज्य में अब राज्यपाल शासन ही लागू होगा.
राष्ट्रपति कोविंद ने किया फैसला
जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल एन एन वोहरा ने मंगलवार को महबूबा मुफ्ती के इस्तीफा देने के बाद ही केंद्र को अपनी रिपोर्ट भेज दी थी जिसमें उन्होंने राज्य में केंद्रीय शासन लगाने की सिफारिश की थी. श्रीनगर में राज भवन के एक प्रवक्ता ने बताया कि वोहरा ने गठबंधन सरकार से भाजपा के बाहर होने और मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के इस्तीफा देने के बाद ही जम्मू कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू करने के लिए राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को अपनी रिपोर्ट भेज दी थी.
इसके बाद गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने आवास पर गृह सचिव राजीव गाबा और खुफिया ब्यूरो एवं उनके मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक करके जम्मू कश्मीर की जमीनी स्थिति का आकलन किया था.
चौथी बार राज्यपाल वोहरा का शासन
जम्मू-कश्मीर में बुधवार को राज्यपाल शासन की घोषणा के साथ ही यह चौथा है जब एन एन वोहरा के राज्यपाल के रूप में कार्यकाल के दौरान जम्मू कश्मीर में केन्द्रीय शासन लगाया गया है. पूर्व नौकरशाह वोहरा 25 जून 2008 को राज्यपाल बने थे.
महबूबा मुफ्ती के इस्तीफा देने के बाद राज्य में नई सरकार बनने की संभावना नहीं थी क्योंकि कांग्रेस ने पहले ही पीडीपी को समर्थन देने से इनकार कर दिया था. कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा था कि पीडीपी को समर्थन देने का सवाल ही नहीं उठता. कुल मिलाकर ये आठवीं बार है कि राज्य में राज्यपाल शासन लागू किया गया है.
महबूबा सरकार सख्ती के पक्ष में नहीं
बीजेपी द्वारा समर्थन वापसी के ऐलान के साथ ही महबूबा मुफ्ती ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. महबूबा ने कहा, ‘‘ मैं हैरान नहीं हूं, क्योंकि यह गठबंधन कभी सत्ता के लिए था ही नहीं. पीडीपी कभी सत्ता की राजनीति में यकीन नहीं रखती और हमने लोगों के लिए काम किया है.’’
उन्होंने कहा, ‘’जम्मू-कश्मीर में किसी तरह की सख्ती कभी नहीं चलेगी. जम्मू-कश्मीर कोई दुश्मन क्षेत्र नहीं है, जैसा कि कुछ लोग मानते हैं. हमने हमेशा कहा है कि बाहुबल वाली सुरक्षा नीति जम्मू-कश्मीर में नहीं चलेगी. मेल-मिलाप से काम लेना होगा.’’
बीजेपी ने तोड़ा गठबंधन
इससे पहले मंगलवार को भाजपा ने पीडीपी के साथ तीन साल पुराना गठबंधन तोड़ दिया. गठबंधन तोड़ने का ऐलान करते हुए बीजेपी नेता राम माधव ने कहा कि राज्य में बढ़ते आतंकवाद और कट्टरपंथ को देखते हुए सरकार में बने रहना असंभव हो गया था.
राम माधव ने कहा, ‘‘यह ध्यान में रखते हुए कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और राज्य में मौजूदा हालात पर काबू पाना है, हमने फैसला किया है कि राज्य में सत्ता की कमान राज्यपाल को सौंप दी जाए.’’