Published On : Wed, Oct 11th, 2017

RSS का पलटवार- शाखा में बहन प्रियंका को भेजें राहुल गांधी, फिर देखें महिलाओं के साथ कैसा होता है बर्ताव

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नई दिल्ली:
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के उस बयान का पलटवार किया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि आरएसएस में महिलाओं के साथ भेदभाव किया जाता है। राहुल गांधी के बयान का खंडन करते हुए आरएसएस विचारक राहुल सिन्हा ने राहुल की बहन प्रियंका गांधी को आरएसएस के एक सेशन में हिस्सा लेने का न्योता दिया है और कहा कि वे खुद देखें कि आरएसएस में महिलाओं के साथ कैसा व्यवहार किया जाता है। बता दें, मंगलवार को राहुल गांधी ने भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस में महिलाओं के साथ भेदभाव का आरोप लगाया था और कहा था कि क्या आपने आरएसएस की शाखाओं में किसी महिला को शॉर्ट्स पहने हुए देखा है। राहुल गांधी के बयान की निंदा करते हुए सिन्हा ने कहा कि उन्होंने ऐसा बयान देकर महिलाओं का अपमान किया है।

न्यूज एजेंसी एएनआई से सिन्हा ने कहा, ‘राहुल गांधी ने शॉर्ट्स पर टिप्पणी करके महिलाओं का अपमान किया है। राहुल गांधी आरएसएस के बारे में कुछ भी नहीं जानते। मैं प्रियंका गांधी को आरएसएस शाखा में आने का न्योता देता हूं। तब उन्हें पता लगेगा कि महिलाओं और उनके सम्मान पर आरएसएस का क्या दृष्टिकोण है।’ साथ ही उन्होंने कहा कि 90 साल पुराने संगठन का महत्व जाने बिना उन्हें इतने निचले स्तर का बयान नहीं देना चाहिए।

बता दें, मंगलवार को राहुल गांधी ने अहमदाबाद के एक कॉलेज में छात्रों को संबोधित करते हुए कहा था, ‘भाजपा का मुख्य संगठन आरएसएस है। आरएसएस में कितनी महिलाए हैं? आपने ऐसी कोई शाखा देखी है जहां महिलाएं शॉर्ट्स पहनकर जाती हैं। मैंने ऐसा नहीं देखा।’ राहुल गांधी के इस बयान के बाद भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस में जुबानी जंग छिड़ गई थी। भारतीय जनता पार्टी ने राहुल के इस बयान को महिलाओं का अपमान करार दिया था। भाजपा नेता और गुजरात की पूर्व सीएम आनंदीबेन पटेल ने राहुल के बयान पर कांग्रेस से माफी की मांग की थी।

पटेल ने कहा था, ‘राहुल ने ऐसा बयान देकर गुजरात की महिलाओं का अपमान किया है। उन्हें इन शब्दों को वापस लेना चाहिए और माफी मांगनी चाहिए।’ वहीं कांग्रेस ने राहुल गांधी के बयान को सही करार देते हुए उनका समर्थन किया था। कांग्रेस ने कहा कि राहुल के बयान में कुछ भी गलत नहीं है। उन्होंने महिला सशक्तिकरण और समानता के अधिकार की बात कही थी।