Published On : Sat, Feb 24th, 2018

जस्टिस लोया मृत्यु मामले की स्वतंत्र जाँच हो – प्रशांत भूषण

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नागपुर: सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने जस्टिस बीएच लोया की मृत्यु मामले की स्वतंत्र जाँच कराए जाने की माँग की है। भूषण के मुताबिक लोया की मौत हार्डअटैक से ही हुई इसका कोई प्रमाण नहीं है बल्कि सिर पर चोट के निशान के साथ विषबाधा होने के संकेत मिले है। उन्होंने इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दाखिल किये जाने की जानकारी दी है। इस मामले की सीबीआई जाँच में कुछ भी सामने नहीं आयेगा।

भूषण से देश के अन्य मुद्दों पर भी विस्तार से बातचीत की दिल्ली में प्रधान सचिव के साथ मारपीट के मामले पर उन्होंने कहाँ की आप गुंडों की पार्टी बन चुकी है चुनाव जीतने के लिए अरविंद केजरीवाल ने बिना आम सहमति से आपराधिक प्रवृत्ति वाले लोगो को टिकिट दी। पार्टी का भविष्य ठीक नहीं है यह सही है की केंद्र सरकार दिल्ली सरकार को टार्गेट कर रही है लेकिन आप भी गलतियां कर रही है पार्टी से ईमानदार लोग अब अलग हो चुके है। वरिष्ठ वकील और स्वराज्य इंडिया के संस्थापक सदस्य भूषण शनिवार को एक कार्यक्रम के सिलसिले में नागपुर में थे इस दौरान उन्होंने तिलक पत्रकार भवन में प्रेस से मिलिए कार्यक्रम में शिरकत की।

सीबीआई से उम्मीद बेकार कभी सामने नहीं आ पायेगी सच्चाई
देश के संवेदनशील मामलों को लेकर केंद्रीय जाँच ब्यूरो सीबीआई पर भरोषा जताया जाता है। लेकिन प्रशांत भूषण की माने तो उन्हें इस मामले में सीबीआई कोई उम्मीद नहीं है उलट जो सच्चाई सामने आनी भी होगी वो नहीं आ पायेगी। मामले में सीबीआई द्वारा 1 हजार पेज की चार्जशीट तैयार की है,भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के डॉक्टर से सौ बाद बातचीत के पुख़्ता प्रमाण है लेकिन उन्हें जाँच के दायरे से बाहर कर दिया गया। सुप्रीम कोर्ट में एक महीने तक इस मामले की सुनवाई हुई। महाराष्ट्र सरकार के द्वारा न्यायालय में जो रिपोर्ट अदालत में राखी गई है उसमे शपथपत्र ही नहीं है। यह समझ में नहीं आता की बिना शपथपत्र के किसी प्रकरण में सुनवाई की अनुमति कैसे मिल गयी। इस केस से जुड़े दस्तावेजों को लेकर उन्होंने एम्स के डॉकटरो से बातचीत की जिसमे प्रतिष्ठित अस्पताल के फोरेंसिक विभाग के पूर्व प्रमुख डॉक्टर शर्मा ने जस्टिस लोया की हिस्ट्रोपैथोलाजी और इसीजी रिपोर्ट देखी। इन रिपोर्ट के आधार पर डाक्टर ने कहा है कि लोया की मौत का कारण सिर पर चोट लगना या विषबाधा हो सकता है। विसरा रिपोर्ट व पोस्टमार्टम रिपोर्ट को लेकर दंदे अस्पताल की भूमिका की भी जांच होना चाहिए। मामले के सभी तथ्य सामने आये इसके लिए एसआइटी के माध्यम से जाँच होनी चाहिए।

बैक घोटाले में पर्दा डालने का हो रहा काम
भूषण के मुताबिक सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों की पारदर्शिता में सवाल उठ रहे है। ऐसा इसलिए क्यूँकि निगरानी की कोई थोड़ व्यवस्था नहीं है। सिर्फ निजीकरण से भ्रस्टाचार दूर नहीं होगा। पीएनबी मामले में बैंक कर्मचारियों की मिलीभगत से एक शख्श 11 हज़ार करोड़ से ज्यादा का घोटाला कर विदेश भाग गया। विदेश दौरे में बाकायदा उसने प्रधानमंत्री के साथ फोटो भी खिंचवायी। सिर्फ बैंक ही नहीं एलआयसी में भी भारी अनियमितता है।

रफेल घोटाले में प्रधानमंत्री भी शामिल
रफेल घोटाले पर भूषण ने कहाँ जिंदगी में इतना बड़ा घोटाला नहीं देखा। अनिल अंबानी के साथ प्रधानमंत्री विदेश गए बिना टेंडर के 126 के बजाए 136 रफेल विमानों का सौदा हुआ। इस सौदे से प्रधानमंत्री की लिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता। अंबानी को सौदे की वजह से 22 हजार करोड़ का लाभ हुआ है।