Published On : Wed, Jul 28th, 2021
By Nagpur Today Nagpur News

बाढ़ पर नियंत्रण पाने के लिए प्रशासन सक्षम: जिलाधिकारी

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नागपुर: पश्चिम महाराष्ट्र में बाढ़ की परिस्थिति के मद्देनज़र जिले के नदी –नाले, तालाब आदि जल स्त्रोतों के निकट जाते समय नागरिक विशेष सावधानियां बरतें। तालुका स्तर पर आपदा प्रबंधन विभाग पूरी तरह से सक्रीय और 24 घंटे सतर्क रहे, यह निर्देश जिलाधिकारी विमला आर. ने मंगलवार को दी। आंतरराज्य तौर पर संपर्क रखने के निर्देश भी उनहोंने आपदा प्रबंधन विभाग को दिए हैं। जिले में तोतलाडोह, नवेगाव खैरी, खिंडसी, नांद, वडगाव यह 5 बड़े प्रकल्पों समेत मध्यम 12 छोटे और 60 अन्य सिंचाई प्रकल्प हैं। प्री मान्सून तैयारियां पूर्ण हो चुकी हैं और इस संदर्भ में विभागीय और अंतरराज्यीय समन्वय समिति की बैठक भी संपन्न हुई है।

प्राकृतिक विपदा के समय में नागरिकों की मदद के लिए 24 घंटे नियंत्रण कक्ष को कार्यान्वित किया गया है। इस नियंत्रण कक्ष के अधिकारीयों के साथ 0712-256266 व टोल फ्री नंबर 1077 पर संपर्क किया जा सकता है। तालुका और गांव के स्तर पर आपदा प्रबंधन के लिए स्थानिय नागरिक, एनजीओ और सरकारी अधिकारीयों की टीमें तैयार हैं।

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बाढ़ की परिस्थिति में बचाव कार्य के लिए ज़रूरी अत्यावश्यक सामग्री जिला प्रशासन के पास उपलब्ध है। हाल ही में 10 रबर बोट राज्य सरकार की ओर से उपलब्ध कराए गए हैं। जिले में 381 ऐसे गांव हैं जिनमें बाढ़ आने की आशंका है। अतः यहां बाढ़ आने पर गांवों में लोगों के लिए आश्रय, नागरिकों को सुरक्षित तरीके से बाहर निकालने का मार्ग आदि विषयों पर जिला प्रशासन ने तैयारी कर ली है। पीडब्ल्यूडी ने बाढ़ के दौरान जल स्तर के नीचे जाने वाले सड़कों और पुलों का जायज़ा लिया है और खतरनाक जगहों पर साइन बोर्ड लगाए गए हैं। तालुका स्तर पर हेलीपॅड तैयार करने के लिए जगहों का निरीक्षण किया जा चुका है। इस बारे में वॉट्सऍप ग्रुप भी तैयार किए गए हैं जिसमें जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग के सभी वरिष्ठ अधिकारी शामिल है।

विभिन्न प्रकल्पों में पानी का मौजूदा स्टॉक:
तोतलाडोह- 61 प्रतिशत, नवेगाव खैरी 70 प्रतिशत, खिंडसी 32 प्रतिशत, नांद 43 प्रतिशत और वडगाव प्रकल्प में पानी का 60 प्रतिशत स्टॉक है। मध्यम प्रकल्पों में से चंद्रभागा में 58 प्रतिशत, मोरधाम में 61 प्रतिशत, केसरनाला- में 74 प्रतिशत, उमरी में 100 प्रतिशत, कोलार में 96 प्रतिशत, खेकरानाला में 63 प्रतिशत, वेण में 95 प्रतिशत, कान्होलीबारा में 99 प्रतिशत, पांढराबोडी में 62 प्रतिशत, मकरधोकडा में 4 प्रतिशत, सायकी में 35 प्रतिशत और जाम में 12 प्रतिशत पानी का स्टॉक है।

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