Published On : Tue, Dec 23rd, 2014

अचलपूर : जहां इश्के रसुल वहाँ आतंकवाद नहीं – सैयद मोहम्मद अशरफ साहब

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  • अलामत और हकीकत में धोका खाते है लोग
  • ईमान की अलामत नमाज हकीकत इश्के रसुल
  • दो रोजा इज्तेमा अहले सुन्नत रहा कामियाब

Achalpur  (3)
अचलपूर (अमरावती)। अचलपुर अहले सुन्नत और जमाअत का रो रोजा रूहानी और इरफ़ानी सुन्नी इज्तेमा का समापन अमन और सलामती के साथ दुआ पर हुआ. इज्तेमा के पहले दिन 20 दिसंबर शनिवार की दोपहर जोहर की नमाज के बाद करीब 2 बजे से ख्वातीन औरतों का इज्तेमा हुआ. जो शाम 5 बजे तक चला इस में नागपुर से मुबल्लेगा हजरात अपने रूह परवर बयान दिया अपने संबोधन में औरतों की इस्लाह और बाद में अकीदगी से दिफ़ा, औरतों के शोषण इल्जाम कहाँ कि समाज में बढ़ती बुराइयो पर कहा. विशेषता मुस्लीम महिलाओं को पर्दे पर जोर दिया गया. समाज में जो बुराईया फ़ैल रही है उससे बचने के लिए भी जोर दिया गया. वहीं इज्तेमा में जो महिलाएं पहुंची है वह इज्तेमा में अच्छी बांतो को सुनकर उस पर अमल करे नाकि सुनकर अच्छी बांतो को सुन ने तक ही रखे साथ ही साफ सफाई पर ध्यान दे. साफ सफाई पाकीजगी यह निफस इमान है इस पर अमल करे. शाम 5 बजे महिलाओं का इज्तेमा समापन दुआ के साथ सलाम हुआ. इस इज्तेमा में हजारों की संख्या में महिलाए इज्तेमागाह पहोंची. बाहर गांव से आई हुई महिलाओं को खाने का इंतेजाम किया गया है. सभी महिलाएं समय पर इज्तेमागाह की ओर चली आई. यह पहली मर्तबा इतनी संख्या थी की पिंडाल खचाखच भर गया था. इज्तेमागाह की ओर पर वॉलेंटरियर खड़े किये गए थे. अचलपुर में इस नुरानी इज्तेमा के चलते एक रूहानी और नुरानी रौनक छायी रही है.

Achalpur  (2)
मर्दो के इज्तेमा में

शाम मगरिब बाद मर्दो का इज्तेमा शुरू हुआ इससे पहले मगरिब की नमाज हाफेज और कारी मौलाना गुलाम मुस्तफा इमान और खतीब कमान मज्जीद चावलमंडी ने अदा करवाई. इज्तेमा की शुरुवात में शाम मगरिब की नमाज के बाद से मर्दो पुरुषों का इज्तेमा प्रारंभ हुआ जिस में अल्लामा और मौलाना जनाब मुजिब उर रहमान साहब बिहार ने आला हजरत मजलूम मुफ़क्किर पर रोशनी डाली इस में उन्होंने अपने संबोधन में कहाँ की सच्चे इश्के रसुल थे इस पर अव्वाम से ख़िताब किया. वही तकरीर का आरंभ तिलावते कुआन ए पाक से हुआ जिस के फराईज हाफेन और कारी गुलाम मुस्तफा इमान और खतिब कमान मज्जीद अचलपुर अदा की. बाद में नात शरीफ पड़ी गयी. इज्तेमा गाह इशा की नमाज अदा होने के बाद नात शरीफ पेश की गई इसके बाद नात शरीफ पेश की गयी.  बाद में अल्लामा और मौलाना ख्वजा जाफरूल आबोदिन रिज्वी आंध्रा प्रदेश ने वल असर की तफ़सीर पर अपनी रूहानी तकरीर पेश की.

Achalpur  (1)
मौलाना सैयद मोहम्मद अशरफ साहब

इज्तेमा में रात करीब 7.45 पर हजारो संख्या में लोग इज्तेमा गाह पहोंचे पिंडाल खचाखच भरा चुका था उसी दरमियान में अल्लाम और मौलाना सैयद मोहम्मद अशरफ साहब की आदम होते इज्तेमागाह में जैसे सैलाब आगया हो. लोगों की भीड़ ने उन का इस्तकबाल करते हुए नारे लगाये. जब मौलाना साहब ने मंच पर तशरीफ़ रखी तो पहले उन्होंने नात ए पाक पड़ी बाद में अपनी तकरीर का आग़ाज़ किया. अल्लामा और मौलाना जनाब सैयद जनाब सैयद मोहम्मद अशरफ साहब ने अपनी तकरीर इश्के रसूल और हुब्बे अहले बेत इमान शर्त पर सभी का ध्यान आकर्षित करते हुए कहाँ है की जहाँ इश्के रसूल होगा वहाँ पर आतंगवाद नहीं होगा, अलामत और हकीकत फर्क यह है की जो दिखता है वह अलामत है इमान की अलामत नमाज है और हकिकत इश्के रसुल है.
इज्तेमा कमिटि ने इज्तेजामागाह में अच्छे इंतेजाम किये है. मुफ्त में खाने का इंतज़ाम रखा गया था. साथ ही किला के युवको ने चाय पिलाई. इज्तेमागाह में धार्मीक पुस्तको की स्टाल लगायी गयी थी वहीं चाय नाश्ते की दुकाने भी लगी हुयी थी. इज्तेमा सफलता पुर्वक संपन्न हुआ.