Published On : Wed, Sep 14th, 2016

गडकरी बोले, गले की हड्डी बन गया है अच्छे दिन का नारा

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2014 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी का नारा था- अच्छे दिन। सरकार बने सालभर ही हुआ था कि बीजेपी प्रेसिडेंट अमित शाह ने इसे जुमला बता दिया था। अब मोदी सरकार के रोड ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर नितिन गडकरी ने ‘अच्छे दिन’ के नारे को सरकार के गले में फंसी हड्डी बता दिया। बोले- भारत असंतुष्ट आत्माओं का महासागर, ‘अच्छे दिन’ का राग मनमोहन सिंह का दिया हुआ…

– यहां इंडस्ट्रीज से जुड़े एक प्रोग्राम में गडकरी से पूछा गया था कि अच्छे दिन कब आएंगे?
– जवाब में गडकरी बोले, “अच्छे दिन कभी नहीं आते। भारत असंतुष्ट आत्माओं का महासागर है। इसकी वजह से कभी भी किसी को किसी चीज में समाधान नहीं मिलता। जिसके पास साइकिल है, उसे गाड़ी चाहिए। जिसके पास गाड़ी है, उसे कुछ और चाहिए। वही पूछता है कि अच्छे दिन कब आएंगे?”
– उन्होंने कहा कि ‘अच्छे दिन’ का शाब्दिक अर्थ न लेते हुए इसे ‘विकास के मार्ग पर’ या फिर ‘प्रगतिशील’ समझना चाहिए।
– गडकरी ने खुलासा किया कि ‘अच्छे दिन’ का राग असल में उस वक्त के पीएम मनमोहन सिंह ने छेड़ा था।
– ”प्रवासी भारतीयों के प्रोग्राम में मनमोहन ने कहा था कि अच्छे दिनों के लिए इंतजार करना होगा। उसी के जवाब में नरेंद्र मोदी ने कहा था कि हमारी सरकार आएगी, तो अच्छे दिन आएंगे। उस वक्त ‘अच्छे दिन’ की कल्पना रूढ़ हो चुकी थी। यह बात मुझे पीएम मोदी ने ही बताई थी।”
– साथ ही, गडकरी ने मीडिया को आगाह किया कि उनका बयान गलत अंदाज में पेश नहीं किया जाए।

2014 के लोकसभा चुनाव में अच्छे दिन पर ही था पूरा जोर
– 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के इलेक्शन कैम्पेन का पूरा जोर ‘अच्छे दिन’ के नारे पर ही था।
– तब पीएम कैंडिडेट नरेंद्र मोदी हर रैली में ‘अच्छे दिन’ लाने का वादा करते थे। मोदी की अगुआई में सरकार बनने के बाद से ही पार्टी नेताओं से लगातार पूछा जाने लगा कि अच्छे दिन कब आएंगे?

चुनाव नारों से जीता, बाद में नकारा
– 24 अगस्त, 2015 को नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था- ”बीजेपी ने 2014 के चुनाव प्रचार में कभी भी नहीं कहा कि अच्छे दिन आएंगे। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को हराकर जनता अच्छे दिन ले आई।”
– अमित शाह ने 5 फरवरी, 2015 को कहा- ”हर परिवार के खाते में 15-15 लाख जमा करने की बात जुमला है। भाषण में वजन डालने के लिए यह बात बोली।”
– 13 जुलाई 2015 को अमित शाह ने कहा- ”नरेंद्र मोदी ने अच्छे दिनों का जो वादा किया है, उसे पूरा करने में 25 साल लग जाएंगे।”