Published On : Tue, Mar 28th, 2023
By Nagpur Today Nagpur News

सांप्रदायिक सद्भाव के लिए हेट स्पीच को खत्म करना जरूरी: सुप्रीम कोर्ट

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कोर्ट को बताया, 'हेट स्पीच को लेकर 18 FIR दर्ज की हैं. सुप्रीम कोर्ट को मजिस्ट्रेट कोर्ट न बनाया जाए. याचिकाकर्ता सिलेक्टिव केस नहीं ला सकते.'

नई दिल्ली: भड़काऊ भाषणों यानी हेट स्पीच (Hate Speech Cases) मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में मंगलवार को सुनवाई हुई. अदालत ने कहा, ‘सांप्रदायिक सद्भाव सुनिश्चित करने के लिए हेट स्पीच को खत्म करना जरूरी है. ऐसे मामलों में एफआईआर दर्ज होने के बाद त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित हो. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि हेट स्पीच पर क्या कार्रवाई की गई है. इस मामले में अब बुधवार (29 मार्च) को सुनवाई होगी.

वहीं, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कोर्ट को बताया, ‘हेट स्पीच को लेकर 18 FIR दर्ज की हैं. सुप्रीम कोर्ट को मजिस्ट्रेट कोर्ट न बनाया जाए. याचिकाकर्ता सिलेक्टिव केस नहीं ला सकते. वो सभी धर्मों के मामले लाएं अन्यथा याचिकाकर्ता की सद्भावना पर भरोसा नहीं किया जा सकता. याचिकाकर्ता केवल एक विशेष समुदाय के खिलाफ हेट स्पीच से संबंधित अखबारों की खबरों के आधार पर सुप्रीम कोर्ट में आवेदन दाखिल कर रहे हैं.’

वहीं, याचिकाकर्ता के वकील निजाम पाशा ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि उन्होंने अखबारों की खबरों को अर्जी में दिखाया है कि किस तरह हेट स्पीच दी जा रही है.

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हेट स्पीच से जुड़े कानूनों के सख्त पालन के पक्षधर मानते हैं कि कई मौकों पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दुरुपयोग होता है. ऐसे बयान दिए जाते हैं जिनसे आक्रोश बढ़ता है और फिर फ्री स्पीच के नाम पर इनसे कन्नी काट ली जाती है. ऐसे में हेट स्पीच पर सख्ती से लगाम लगाना जरूरी है.

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 3 फरवरी की सुनवाई में मुंबई में सकल हिंदू समाज द्वारा आयोजित की जाने वाली रैली के खिलाफ अर्जी पर महाराष्ट्र सरकार को कहा था कि वो सुनिश्चित करे कि रैली में कोई हेट स्पीच न दे. ये रैली 5 फरवरी को आयोजित हुई थी. सुप्रीम कोर्ट ने रैली की वीडियो रिकॉर्डिंग के आदेश भी दिए थे. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से 29 जनवरी को हुई हिंदू जन आक्रोश सभा की रैली पर भी रिपोर्ट मांगी थी.

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