Published On : Sat, Aug 11th, 2018

आपली बस:३ दिन बाद से शुरू हो जाएंगी उल्टी गिनती

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Aapli Bus

नागपुर: राज्य और केंद्र सरकार सह उनके तथाकथित नेतृत्वकर्ता नागपुर मनपा की जर्जर आर्थिक स्थिति को उबारने में सहयोग करने के बजाय उनके हाल पर छोड़ दिए.जिसके कारण मनपा प्रशासन और पदाधिकारी पस्त हो गए.

विकास कार्य बाधित होने साथ ही साथ बकायेदारों ने मनपा प्रशासन पर चढ़ाई कर दिए.इसी क्रम में गुरुवार को हड़ताल पर गए लाल बस ऑपरेटरों को दो दिन में ढाई-ढाई करोड़ देने के साथ ही साथ ३ दिन बाद से किस्तों में बकाया भुगतान का वादा कर हड़ताल तुड़वाये। मनपा में यह भी चर्चा रही कि गडकरी का रविवार को मनपा में महत्वपूर्ण बैठक हैं,इस बैठक के पूर्व हड़ताल ख़त्म होनी चाहिए,वर्ना गडकरी की खिंचाई असहनीय रहेंगी.

प्रशासन को कल सभापति बंटी कुकड़े की याद आई,अबतक उन्हें नज़रअंदाज किया जाते रहा.परिवहन व्यवस्थापक तो नियमित नज़रअंदाज करते देखे गए.गुरुवार को हड़ताल शुरू हुई,प्रशासन ने हड़ताल को गुरुवार को हलके में लिया।शुक्रवार को सुबह से ही परिवहन सभापति पर दबाव बनाना शुरू कर दिए कि अपने बल पर हड़ताल समाप्त करवा दो.सभापति ने प्रशासन की दिक्कतों को समझ उनके निर्देश को तहरिज देते हुए हड़ताल समाप्त करवाने में सफल रहे.लेकिन अब सवाल यह उठा कि शेष बकाया (प्रत्येक का १२ से १३ करोड़) चुकता करने के लिए ठोस नियोजन प्रशासन ने प्रस्तुत नहीं की.और पूछे जाने पर कर देंगे,यह कह कर टाल गए.

दरअसल प्रशासन सह मनपा परिवहन विभाग हड़ताल समाप्त करवाने में दो कारणों से भिड़ा था,उन्हें पता हैं कि एक बार बस शुरू हो गई,फिर आर्थिक दिक्कत भले ही आये बस ऑपरेटर बंद करने के लिए मशक्कत करनी होंगी। सैकड़ों दफे प्रशासन को चेताने के बाद पहली दफा २६ घंटे के लिए सिर्फ हड़ताल कर पाए.लेकिन बकाया अमूमन जस के तस रहा.

दूसरा सबसे बड़ा कारण यह था कि केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री व नागपुर शहर के सांसद नितिन गडकरी के स्वाभाव से अमूमन सभी सम्बंधित वाकिफ हैं,उनका वादा या दिशा-निर्देश चुकता नहीं और इस दरम्यान किसी ने गुस्ताखी की,वह. ….. भूलता नहीं।इसी खौफ से आनन्-फानन में कल दोपहर सभापति कुकड़े के कांधो का सहारा लेकर हड़ताल समाप्त करवाया गया.

३ दिन बाद क्या होंगा
पहला दिन शुक्रवार दोपहर से शुरू हुआ.कल लगभग ५ बजे के पूर्व तीनों लाला बस ऑपरेटरों को डेढ़-डेढ़ लाख रूपए उनके-उनके खाते में ट्रांसफर करवाए गए.इस राशि में से बस चालकों का वेतन,पेट्रोल पंप वालों को डीजल का कुछ बकाया दिया गया.बची राशि से बैंक और अन्य खर्चो का बकाया निपटारा करने के बाद अगले सप्ताह मंगलवार को हड़ताल के वक़्त सी स्थिति बस ऑपरेटरों पर आ जाएंगी।सभापति द्वारा लिए गए वादे के अनुसार मंगलवार या गुरुवार से टिकटों से जमा राशि तीनों में वितरित नहीं किया गया तो अधिकाधिक सप्ताह भर बाद बस ऑपरेटर पुनः हड़ताल में जाने की सूचना से प्रशासन को अवगत करवा सकते हैं.

स्मार्ट सिटी अंतर्गत संचालित हो परिवहन सेवा
स्मार्ट सिटी प्रकल्प में स्मार्ट ट्रांसपोर्टिंग का भी पर्याय/सुझाव/दिशा-निर्देश अवश्य होंगा।क्यूंकि स्मार्ट सिटी बनाने से मसला सुलझ नहीं सकता,इसके लिए परिवहन व्यवस्था भी स्मार्ट होनी चाहिए। संभवतः इसलिए स्मार्ट सिटी की बैठक में परिवहन सेवा मेट्रो को देने का प्रस्ताव पर चर्चा हुई होंगी.

मोदी फाउंडेशन ने मनपा प्रशासन और स्मार्ट सिटी संचलन मंडल,केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मांग की हैं कि सवा लाख शहर के आम नागरिकों को रोजाना उनके गंतव्य स्थल तक पहुँचाने वाली मनपा परिवहन सेवा को स्मार्ट सिटी प्रकल्प के मार्फ़त उनके दिशा-निर्देश पर चलाने के लिए अतिशीघ्र पहल होनी चाहिए।अन्यथा कभी भी सेवा खंडित करने की नौबत आ सकती हैं.

या फिर केंद्र परिवहन मंत्रालय ग्रीन बस और राज्य सरकार लाल बस के सफल संचलन के लिए क्रमशः १००-१०० करोड़ रूपए वार्षिक विशेष अनुदान का प्रावधान करने पर विचार करें.