अकोला। यात्रियों से होनेवाली खिचखिच से बचने एवं किराए में पारदर्शता रखने के लिए प्रदेश सरकार के परिवहन विभागने प्रदेश के सभी आटो रिक्शाओं में किराया मीटर मशीन लगाने के कडाई से निर्देश जारी किए हैं. सभी आरटीओ एवं एआरटीओ कार्यालयों को सख्त हिदायत दी गई है कि जब तक कोई आटो रिक्शा चालक मीटर वेरिफिकेशन सर्टीफिकेट नहीं जोडता तब तक उसे परमिट जारी न किया जाए. शासन के इस आदेश से अब नए परमिट धारकों को अपनी आटो रिक्शा पर मीटर लगाना अनिवार्य होगा.
तीन पहिया आटो रिक्शा से यात्रा करनेवाले यात्रियों की सुविधा के लिए प्रदेश सरकार ने आटो रिक्शा चालकों से मीटर लगाने की सख्ती आरंभ कर दी है. नए आटो रिक्शा का पंजीयन करते समय जबकि पुराने आटो रिक्शा का योग्यता प्रमाणपत्र एवं नूतनीकरण प्रमाणपत्र के लिए मीटर वेरिफिकेशन प्रमाणपत्र अनिवार्य कर दिया गया है. पहले यह प्रमाणपत्र अभियांत्रिकी महाविद्यालय जारी करते थे, लेकिन अब यह प्रमाणपत्र वैध मापन शास्त्र कांट बांट विभाग को जारी करने के आदेश दिए गए हैं. इस संदर्भ में उपप्रादेशिक परिवहन कार्यालय अकोला की ओर से यह अपील की गई है कि आटो रिक्शा योग्यता प्रमाणपत्र तथा नूतनीकरण के लिए आते समय संबंधित व्यक्ति मीटर निरीक्षक वैधमापन शास्त्र अकोला कार्यालय से प्रमाणपत्र लेकर ही पंजीयन करवाएं, अन्यथा उनके आटो रिक्शा का पंजीयन एवं योग्यता प्रमाापत्र का नूतनीकरण नहीं हो पाएगा. मीटर की जाच के लिए कांटा बांट विभाग से संपर्क करना होगा.
इस संदर्भ में विभाग के निरीक्षक प्रदीप शेरकर ने बताया कि मीटर का न्यूनतम किराया 1 किलो मीटर के लिए 10 रूपए निर्धारित किया गया है. जबकि प्रति 100 मीटर अंतर पर 80 पैसे के अनुपात में यात्री से किराया वसूला जा सकेगा. इस नियम को यदि अमल में लाएं तो अकोला में आटो रिक्शा चालकों को दिक्कत हो सकती है. जबकि मीटर का लाभ यात्री को मिल सकता है.