Published On : Mon, Mar 23rd, 2015

कोंढाली : बाल संरक्षण समिति स्थापना हुई, अब आगे क्या?

Advertisement

 

  • जिले में कुल 1200 बाल संरक्षण समितियां
  • समाज में जनजागृति होना जरुरी
  • बालसंरक्षण समिति सदस्यों को प्रशिक्षण की जरुरत

कोंढाली (नागपुर)। बालकों की समस्याओं के प्रश्न ग्राम स्तर पर सुलझे और बालकों का सामाजिक स्तर बढे इसलिए राज्य में हर ग्राम पंचायत, नगर और तालुका स्तर पर बाल संरक्षण समिति स्थापन की गई.

इसलिए महाराष्ट्र शासन निर्णय क्र. आय.सी.पी.सी.-2014 प्रकरण 23-8 के निर्णय के अनुसार बालको का हक्क और संरक्षण हो इसलिए राज्य के हर जिले में बालकों का ध्यान और संरक्षण अधिनियम 2000-2006 के कलम 62 के अंतर्गत जिला बाल संरक्षण कक्षों के दो वर्ष पहले स्थापन किया गया है. इसके आगे का भाग ग्राम स्तर पर ग्राम बाल संरक्षण समिति स्थापन करने का कार्य शुरू है.

Gold Rate
10 july 2025
Gold 24 KT 97,000 /-
Gold 22 KT 90,200 /-
Silver/Kg 1,07,900/-
Platinum 44,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

आज की स्थिति में राज्य में बालकों की अनेक समस्या उपस्थित होकर शासन ने बाल संरक्षण के लिए आलेख तैयार किया है. इसमें विशेष ध्यान (विकलांग) बालको, रास्ते पर बालक, अनाथ बालक, बाल कामगार, स्कुल बाह्य लड़के, एच.वाय.व्ही बाधित, बाल भिकारी, बाल विवाह और विधी संघर्ष ग्रस्त बालक को शिक्षण, सामाजिक सुविधा देने के लिए ग्राम स्तर पर बाल संरक्षण समिति कार्य करेंगे. उक्त समितियां गांव का ध्यान और संरक्षण की जरुरत होने से बालकों के लिए और बाल संरक्षण संदर्भ के विविध कानून, योजना और ध्यान पूर्तता के लिए योगदान करेंगे. बालकों का ध्यान और संरक्षण जरुरी वैयक्तिक विकास प्लान सबंधित संस्था से बनाकर लेना, संस्था पर निगरानी रखना जिले का ध्यान और संरक्षण के जरुरतमंद बालकों और परिवार की जानकारी जमा करना तथा उनके आवश्यक सुख सुविधा निश्चित करना यह प्रमुख जिम्मेदारी ग्राम बाल संरक्षण समिति की है.

जिलाधिकारी लेंगे समीक्षा
जिले के बाल संरक्षण विषय में समीक्षा लेने के संबंध में जिले के सभी शासकीय अधिकारी तथा निमशासकीय पदाधिकारी की त्रिमासिक बैठक जिलाधिकारी अध्यक्षता में होगी. उक्त बैठक समन्वय जिला बाल संरक्षण अधिकारी करेंगे.

प्रशिक्षण देंगे
इस प्रकरण में जिले में स्थापन हुए ग्राम बाल संरक्षण समिती के सदस्यों को उनके कार्य संबंधी जानकारी दी जाएगी. प्रथमतः समिति के सचिव (आंगनवाड़ी सेविका) को प्रशिक्षण और जानकारी दी जाएगी. टास्क फोर्स स्थापन किया जाएगा. ऐसी जानकारी नागपुर जिला बाल संरक्षण अधिकारी डा. उमेश बोटकुले ने दी है.

बालकों का अधिकार
बालकों का संरक्षण हो इसलिए तालुका तथा नगर प्रभाग में भी बाल संरक्षण समिति स्थापन करके बालकों के अधिकार का संरक्षण किया जाएगा. ऐसा शासन ने निर्णय लिया है.

File Pic

File Pic

Advertisement
Advertisement