चुनाव आयोग के निर्देश को रखा ताक पर
पुसद, महागाव, यवतमाल पं.स. अधिकारियों ने नही दी जानकारी
यवतमाल। राज्य चुनाव आयोग ने व्हिडीओ काँफरसिंग पर ग्राम पंचायत स्तर विभिन्न कारणों से रिक्त ग्राम पंचायत सदस्यों की संख्या की जानकारी मांगी थी. मगर 16 में से 13 पंचायत समितियों के पं.स. अधिकारियों की इसकी जानकारी दी. मगर पुसद, महागाव, यवतमाल के अधिकारियों ने यह जानकारी देने में लापरवाही बरती. जिससे इन तिनों पंचायत समिती के दस अधिकारियों की वेतनवृध्दी रोकी गई है. जिससे खलबली मच गई है.
इस कारवाई से अन्य लापरवाह अधिकारीयों की कुंभकर्णी निंद खुल गई है. कारवाई किए गए दस अधिकारीयों में यवतमाल, महागाव के तीन-तीन और पुसद के चार अधिकारियों का समावेश है. जिन अधिकारियों पर यह कारवाई हुई उसमें यवतमाल पं.स. के बीडीओ संजय इश्वरकर, हेमंत निवल, जे.पी. खाडे, पी.एल.चव्हाण, टी.सी. चव्हाण, एस.ड ल्यू. राठोड, एम.एस. मुंडे, जी.एस. गौतम, डी.जी. चक्रनारायण आदि का समावेश है. सुचना कानुन के तहत जानकारी देने मे भी इन अधिकारियों ने लापरवाही बरती. जिससे पहले से ही यह दसों अधिकारी टार्गेट थे. मगर चुनाव आयोग के निर्देशो को ताक पर रखते ही वेतनवृ दी रोकने की गाज उन पर गीर पडी. यह कारवाई प्रभारी डेप्युटी सीईओ जालींदर पठारे ने की है. उन्होंने वेतनवृध्दी एक वर्ष के लिए रोकने का आदेश पारीत किया है. फिलहाल ग्राम पंचायत के चुनाव की तैयारिया चल रही है, जिससे ग्राम पंचायत के सदस्यों के रिक्त स्थान भरने की मंशा चुनाव आयोग की थी.