किया सत्याग्रह आंदोलन, अन्यथा आमरण अनशन
यवतमाल। यवतमाल जिले से लगकर वर्धा और चंद्रपुर जिले में शराब बंदी हो चुकी है. अब यवतमाल जिला भी शराबमुक्त करने की मांग के लिए आज 30 जनवरी महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के दिन विदर्भ जनआंदोलन समिति और महिला बचत गुटों द्वारा सावली सदोबा में जनविकास आघाड़ी द्वारा हजारों आदिवासी महिलाओं ने सत्याग्रह आंदोलन किया. चंद्रपुर के साथ ही यवतमाल जिले में भी शराब पर पाबंदी का जीआर निकालने की मांग इन महिलाओं ने की है. वैसा प्रस्ताव पारित करें या अन्यथा आमरण अनशन की चेतावनी सीएम देवेंद्र फडणवीस को दी गई है.
पांढरकवड़ा में सत्याग्रह का प्रारंभ महात्मा गांधी के प्रतिमा को पूर्व नगराध्यक्ष अनिल तिवारी ने माल्यार्पण कर किया. आदिवासी महिला आघाड़ी की सुनिता पेंदोर, वेणु पंधरे, सुमित्रा चव्हाण, किसान विधवा संगठन की अपर्ना मालिकर, भारतीय पवार, किसान प्रतिनिधि मोहन जाधव, रमेश चव्हाण, शेखर जोशी, गोपाल शर्मा आदि ने उनके विचार व्यक्त किए. इस अनशन सत्याग्रह में सुरेश बोलेनवार, अंकित नैताम, मनोज मेश्राम, राजू राठोड़, प्रीतम ठाकुर, नितीन कांबले, भिमराव नैताम, नंदकिशोर जैयस्वाल, मुरली वाघाड़े एव संतोष नैताम आदि उपस्थित थे.
इस समय विजस नेता किशोर तिवारी ने आरोप किया कि, जिले के गाव-गाव में खुलेआम शराब बिक रहीं है, मगर पुलिस मुकदर्शक की भूमिका अदा कर रहीं है. शराब के कारण पूरा जिला अधपतन की ओर गया है. शराब के साथ-साथ जुआ अड्डे, मटका अड्डे चौक-चौक में चल रहें है. थानेदार सिर्फ हफ्ता वसूली में व्यस्त है. इसलिए एसपी के पथक को वहां जाकर छापे मारने पड़ रहें है. शिवसेना के तत्कालीन विरोधी पक्ष नेता एकनाथ शिंदे ने जिले के अवैध धंदे बंद करने का अल्टिमेटम दिया था. मगर दूसरे ही दिन वे मंत्री बन गए. तब से स्थानीय शिवसेना ने इस अल्टिमेटम की ओर कोई ध्यान नहीं दिया है. जिससे गरीबों का पक्ष शिवसेना है या नहीं? ऐसी चर्चा छिड़ गई है. शराब के कारण युवा पीढ़ी बर्बाद हों रही है. जिससे सुखी संसार की एैसी-तैसी हों रही है. इसलिए गाव-गाव में चल रहीं शराब भट्टियां पुलिस प्रशासन बंद करें, ऐसी मांग भी कृति समिति संयोजक सुरेखा पेंदोर ने की है. सरकार सोयी है क्या? ऐसा सवाल भी मोहन जाधव ने पूछा है.