खामगांव
भ्रष्टाचार पर रोक लगाने में जुटे भ्रष्टाचार निरोधक विभाग (एसीबी) के लिए अब मोबाइल पर हुई बातचीत भी बहुत उपयोगी साबित होगी. इसका कारण यह है कि अब मोबाइल पर होने वाली बातचीत भी वैध मानी जाएगी. रिश्वतखोर और फरियादी की बातचीत का ‘रिकॉर्डेड टेप’ पाथमिक सबूत माना जाता है. लेकिन एसीबी के पंचों के सामने की गई रिकॉर्डिंग भी सबूत मानी जाएगी. आम तौर पर पावडर लगे नोट देकर रिश्वतखोर व्यक्ति की उंगलियों के निशान को ही सबूत माना जाता है. एसीबी यही तरीका अपनाता है. अलावा इसके पंचों के सामने आने वाले सबूत भी अदालती कार्यवाही में इस्तेमाल किए जाते हैं. भ्रष्टाचार के खिलाफ लोगों में बढ़ते रोष के कारण इन दिनों एसीबी में की जाने वाली शिकायतों की संख्या बढ़ गई है. इसलिए अदालत से आरोपी को सजा दिलाने के लिए हर सबूत महत्वपूर्ण होता है.
एसीबी के सूत्रों ने बताया कि अब फरियादी के फोन पर राशि बताने और रिश्वतखोर व्यक्ति के ‘हं….’ कहने भर को भी सबूत माना जाएगा. इससे जहां अधिकारियों का काम आसान हो जाएगा, वहीं अधिक से अधिक आरोपियों को सजा भी दिलाई जा सकेगी.
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