चंद्रपुर में विकास कार्य पड़े ठप्प
चंद्रपुर
महानगर पालिका की स्थायी समिति में 8 नए सदस्यों के चुनाव के लिए आयुक्त की ओर से आयोजित बैठक के विरोध में कांग्रेस नगरसेवकों ने उच्च न्यायालय का रुख किया, जिसके बाद न्यायालय ने आदेश दिया कि सिर्फ़ स्थाई समिति के सदस्यों का चुनाव किया जाए और बाकी प्रक्रिया फैसला आने तक रोक दी जाए. इसकी वजह से सभापति के चुनाव में अड़चनें पैदा हुईं. कांग्रेस नगरसेवक नंदू नागरकर, सुनीता लड़िया और प्रदीप डे ने याचिका दाखिल की थी.
नियमों के अनुसार हर हफ्ते स्थायी समिति की बैठक होना अनिवार्य है, लेकिन सत्ताधारी गट ने पिछ्ले दो हफ़्तों से सभा ही नहीं बुलाई. अब तो न्यायालय के आदेश के बाद ही शहर विकास के महत्वपूर्ण काम होंगे, जो पेंडिंग पड़े हैं.
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव की आचार-संहिता शुक्रवार को खत्म हुई, जिसके दूसरे दिन स्थायी समिति में आठ नए सदस्यों के चुनाव के लिए 30 अप्रैल को सभा का नोटिस निकाला गया. लेकिन 26 को चौथा शनिवार और 27 को रविवार होने के कारण आयुक्त बोकडे क़ी ओर से जारी नोटिस नियमबाह्य होने का आरोप कांग्रेस नगरसेवक नंदू नागरकर, सुनीता लड़िया और प्रदीप डे ने लगाया है. नियम के मुताबिक़ सभा के 72 घंटे पहले नगरसेवकों को नोटिस मिलना अनिवार्य है, लेकिन छुट्टी के दिन नोटिस निकाले जाने के कारण कुछ नगरसेवकों को नोटिस सोमवार को प्राप्त हुआ. इसी को लेकर नगरसेवकों ने न्यायालय का रुख किया. इस याचिका में यह सवाल भी उठाया गया कि प्रदेश कांग्रेस कमिटी से निष्कासित सदस्य, समिति के सभापति पद का उम्मीदवार कैसे रह सकता है ? इस याचिका पर 5 मई को सुनवाई होगी.
कांग्रेस नगरसेवक नंदू नागरकर, सुनीता लोढीया और प्रदीप डे पालकमंत्री संजय देवतले के समर्थक के रूप में जाने जाते हैं. महानगरपालिका में नरेश पुगलिया समर्थकों क़ी सत्ता है. अभी कुछ वक्त पहले ही लोकसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार संजय देवतले के विरोध में प्रचार करने के लिए आठ महानगरपालिका सदस्यों को निलंबित किया गया. निलंबित आठों लोग पुगलिया समर्थक हैं.