आप का नितीन गडकरी पर एक और वार, रीटॉक्स बिल्डर्स से बताए संबंध
क्या नितीन गडकरी अब राजनीति छोडेंगे ? : आप
नागपुर न्यूज़ : आम आदमी पार्टी (आप) ने एक बार फिर भाजपा के नागपुर प्रत्याशी नितीन गडकरी के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए एक नया पर्दाफाश करने का दावा किया है। आप लगातार गडकरी के उस बयान को चुनौती दे रही है जिसमें गडकरी ने कहा था कि यदि उनके खिलाफ भ्रष्टाचार का एक भी मामला सामने आया तो वे राजनीति छोड़ देंगे। हालांकि इस बार आप की ओर से एक महत्वपूर्ण ऑडिट रिपोर्ट भी प्रस्तुत की गई है जिसमें पार्टी नेताओं ने गडकरी और विवादास्पद रीटॉक्स बिल्डर्स एवं डेवलपर्स के बीच संबंधों को उजागर करने का प्रयास किया है। गुरुवार देर शाम आप के धंतोली स्थित कार्यालय में हुई एक प्रेस वार्ता के दौरान मुंबई से यहां पहुंचे आप प्रतिनिधि अजीत सावंत ने आरोप लगाया कि जब नितीन गडकरी पूर्ति समूह के चेयरमैन थे तब इस समूह में बड़े पैमाने पर धांधली हुई थी, जिसमें धन राशि को लेकर हेर-फेर, अज्ञात स्रोत से निवेश और ऋण प्राप्त करने जैसे मामले प्रकाश में आए हैं।
सावंत ने कहा कि नितीन गडकरी ने काले धन को सफेद बनाने की प्रक्रिया में व्यापक प्रमाण में हेर फेर की है। उन्होंने कहा कि गडकरी ने योजनाबद्ध तरीके से धन का संचालन किया है ताकि स्रोत और संबंधित शेल कंपनियों के बारे में पता न लगाया जा सके। शेल कंपनियां दरअसल फर्जी कंपनियां होती हैं जिनका कोई अता-पता नहीं होता, न उनका वास्तविक उत्पादन होता है और न ही कंपनी की कोई परिसंपत्ति होती है। ऐसी कंपनियों का इस्तेमाल केवल हवाला कारोबार या काले धन को सफेद करने के लिए किया जाता है। सावंत ने कहा कि ऐसी १८ से २० शेल कंपनियां है जिनमें अपडेट मर्केंटाइल कंपनी, जसिका मर्केंटाइल और अन्य कंपनियां शामिल हैं। इन सभी कंपनियों का पता मुंबई स्थित रमाबाई आंबेडकर झुग्गी बस्ती के रूप में दर्ज है।
इन शेल कंपनियों में अधिकांश के एक ही डायरेक्टर हैं। इनमें कवडू पांडुरंग झाड़े (जो गडकरी के दीवान थे और जिन्होंने अपना पता गडकरी के घर के पते को ही बताया था), सागर कोतवालीवाले, निशांत अग्निहोत्री आदि शामिल हैं। दिलचस्प बात यह है कि इन सभी कंपनियों के चार्टर्ड अकाउंटेन्ट और ई-मेल आईडी भी एक ही हैं। लेकिन आज तक इन लोगों के खिलाफ आयकर विभाग की कोई रिपोर्ट प्रकाशित नहीं की गई, न ही इनके खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई हुई।
काले धन का मकड़जाल
सावंत ने आगे बताया कि एक कंपनी आइडियल रोड बिल्डर्स (आईआरबी) के पूर्ति समूह में ४०,००० शेयर्स हैं। आईआरबी के डायरेक्टर दत्तात्रय पांडुरंग म्हैसालकर ने पूर्ति में २.८ करो‹ड रुपयों का निवेश किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि गडकरी ने इन १८-२० शेल कंपनियों में से एक अपडेट मर्केंटाइल के जरिये पूर्ति समूह में धन का निवेश किया। वर्ष २००७-०८ में रीटॉक्स बिल्डर्स एंड डेवलपर्स प्रा. लि. ने असुरक्षित ऋण के रूप में पूर्ति समूह में २५ लाख रुपए लगाए। इसी वर्ष आईआरबी के दत्तात्रय म्हैसालकर ने नागपुर स्थित अवनी इलेक्ट्रिकल प्रा. लि. को ३१.४५ लाख रुपए दिए जिसने आगे ३० लाख रुपए अपडेट मर्केंटाइल को बढ़ा दिए। सावंत ने कहा, नितीन गडकरी ने स्वयं कंपनी को २० लाख रुपए दिए थे जिसमें से १०.०८ लाख रुपए असुरक्षित लोन के रूप में दिए गए। उसी वर्ष अपडेट मर्केंटाइल ने निवेश के रूप में १.३५ लाख रुपए लगाए और उसी साल में ही रीटॉक्स बिल्डर्स को महाराष्ट्र विमानतल विकास निगम (एमएडीसी) से फस्र्ट सिटी बनाने का कॉन्ट्रैक्ट मिला। वर्ष २००७ में फस्र्ट सिटी (रिहायशी एवं व्यावसायिक टाउनशिप) का भूमिपूजन किया गया जिसमें नितीन गडकरी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए थे।
सावंत ने बताया कि वर्ष २००७-०८ में आईआरबी को करीब ५ ऑर्डर मिले जिसमें मुंबई-पुणे एक्सप्रेस हाईवे भी शामिल था। इसके एवज में आईआरबी ने भाजपा को ५० लाख रुपए का चेक भी दिया था।
इस बीच, आप के जिला प्रवक्ता गिरीश नांदगांवकर ने हमें भेजे ई-मेल के माध्यम से बताया कि रीटॉक्स बिल्डर्स और डेवलपर्स पूर्व में भी विवादस्पद रही है जब इस कंपनी पर आरोप लगे थे। सेज कर्मचारियों के लिए आरक्षित मिहान सेज के नॉन-प्रोसेqसग एरिया में आम जनता को फ्लैट बेचने के लिए इस कंपनी को गैरकानूनी रूप से अनुमति दी गई। उन्होंने बताया कि उस समय जिस तरह सारे अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे, उससे सारी स्थिति स्पष्ट हो गई थी।
नांदगांवकर ने बताया कि पूर्व में अनेक अवसरों पर नितीन गडकरी ने मिहान सेज का प्रचार किया है। उन्होंने कहा कि मेसर्स अपडेट मर्केंटाइल प्रा. लि. के चार्टर्ड अकांउटेन्ट विजय तिवारी की इस ऑडिट रिपोर्ट में गडकरी के ऐसा करने का मकसद स्पष्ट हो जाता है। उन्होंने वर्ष २००७-०८ की इस ऑडिट रिपोर्ट के कुछ तथ्य भी उजागर किया। उन्होंने सवाल किया कि इस घोटाले के बाद क्या अब गडकरी अपने वादे के अनुरूप सक्रिय राजनीति छोड़ेंगे ?