Published On : Mon, Mar 3rd, 2014

छोटे गाव करोड़ो का जमीन सह राजस्व घोटाला , दहेगाव (रंगारी) ग्राम पंचायत अंतर्गत सरकारी जमीन की अवैध बिक्री

Advertisement

एनसीपी नेता किशोर चौधरी के नेतृत्व ने गहन छानबीन के कारण प्रकाश में आया

docu-dahegaonदहेगाव (रंगारी): रामटेक लोकसभा चुनाव क्षेत्र अंतर्गत khapadkheda के समीप दहेगाव रंगारी एक छोटे से गाव में करोडो का घोटाला हुआ है,सरकार ने निष्पक्षता से जाँच की तो राज्य सरकार को २०-३० करोड़ का राजस्व मिल सकता है,फ़िलहाल यह इतना बड़ा घोटाला हुआ है.यानि प्रत्येक प्लाट के कुल कीमत का लगभग ६.५% स्टाम्प ड्यूटी के रूप में सरकार को नहीं मिला है.

दहेगाव रंगारी गाव saoner विधानसभा अंतर्गत खापरखेड़ा के समीप स्थित है,यह शहर से मात्र १८-२० किलोमीटर की दुरी पर है.इस ग्राम पंचायत पर केदार गुट का राज था,यह प्रकरण एनसीपी नेता किशोर चौधरी के नेतृत्व ने गहन छानबीन के कारण प्रकाश में आया.ग्राम पंचायत पर एनसीपी की सत्ता है.जाँच कर्ता वर्ष १९६२ से लेकर अबतक का कर रहे है.इस गाव में लगभग ४००० प्लॉटधारक है.

ग्राम पंचायत को १७ फरबरी २००५ को आयोजित ग्रामसभा में तात्कालीन ब्लाक डेवलपमेंट ऑफिसर ने ग्राम पंचायत अंतर्गत अवैध लेआउट को मंजूरी नहीं देने का आदेश दिया गया,अगर वैद्य रूप से लेआउट को मंजूरी देना है तो पहले जमीन का नॉन एग्रीकल्चर जरुर होगा। लेकिन सरपंच सरोदे ने उक्त निर्देशो का उल्लंघन करते हुए २७ दिसम्बर २००५ को ठराव क्रमांक ५/२३ के तहत लेआउट बनाकर बेचने की अनुमति दी.
इतना ही नहीं वर्ष २००८ में ग्राम पंचायत ने अमर सुंदरलाल बडवाइक(संपत्ति क्रमांक ५९८,७७७,७७६) को तत्कालीन सरपंच ने २५ सितम्बर २००८ को बिल्डिंग बनाने की अनुमति दी.जब यह मंजूरी दी तो ग्रामपंचायत के रिकॉर्ड में नहीं है.वर्ष २००८ में ही बिल्डिंग का नक्शा भी मंजूर की गई.जबकि हक़ीक़त में बडवाइक ने वर्ष २०१० में ख़रीदा था.वर्त्तमान में बिल्डिंग का निर्माणकार्य जारी है.

doc2

ग्रामपंचायत अंतर्गत १०० से अधिक नए-पुराने लेआउट है,जाँच पड़ताल ५०-६० लेआउट की हो चुकी है,जाँच पूरी होने में १-२ सप्ताह और लगेगा। जाँच प्रक्रिया के हिसाब से पहले ग्रामपंचायत द्वारा लेआउट धारक,तत्कालीन ग्राम पंचायत के पदाधिकारी और प्लाट धारको को लिखित नोटिस भेजकर उनका खुलासा मंगवाया जायेगा,इसकी शुरुआत की जा चुकी है, फिर दोषियो के खिलाफ सरकार और पुलिस के माध्यम से फौजदारी मामला दर्ज करवाई जायेगी।

ग्रामपंचायत द्वारा अबतक जिन लेआउट की जाँच कर लेआउट धारक,प्लाट धारक को नोटिस भेजी गई है उनमे

१- लेआउट धारक चंद्रमौलेश्वर केशवप्रसाद बगडिया ( खसरा क्र १२१/२ और १२०/२ ) ने नहर और पानधन के लिए आरक्षित लगभग २०००० वर्ग फूट जमीन बेच दी.इसके अलावा खसरा क्र ६३ बी की शिव पानधन और नहर के लिए आरक्षित ३९७४८. ८४ वर्ग फूट जमीन भी बेच डाली।

२- लेआउट धारक चंद्रभान लहानुजी मरोतकर ने पूर्व सरपंच सरोदे और पूर्व सचिव रमेश बन्नागरे ने मिलकर पेंच प्रकल्प(सर्वे क्र १४५/२ ),शिव पानधन(दो रास्तो को जोड़ने के लिए आरक्षित) और पानधन के लिए आरक्षित लगभग 1. २० वर्ग फूट सरकारी जमीन बेच दी.

३- लेआउट धारक संतोष जोगेश्वर महतो और शशिधर उमाकांत पंडित के पास खसरा क्र १४३ अंतर्गत जमीन की रजिस्ट्री है लेकिन मालिकाना हक्क का कोई कागजात नहीं होने के बावजूद ०. ५० हेक्टर आर सरकारी जमीन बेच दी.इसके अलावा ६८७७. ९४ वर्ग फूट जमीन भी कागजो पर बेच दी लेकिन हक़ीक़त में यह जमीन अस्तित्व में नहीं है.इसके अलावा लेआउट धारको ने पूर्व उपसरपंच के हस्ताक्षर से १५०० वर्ग फूट,१६५० वर्ग फूट,३३४६. ८७ वर्ग फूट,२०१० वर्ग फूट सरकारी नहर और पानधन की जमीने बेच डाली। इसके अलावा तीनो ने मिलकर खसरा क्र ५६/४ अंतर्गत नहर और ९९२. ३५ वर्ग फूट जमीन बेच डाली। शशिधर उमाकांत पंडित ने अतिरिक्त 35.९२ वर्ग फूट सहित नहर की जमीन बेच डाली।

४- लेआउट धारक देवराव होनियाजी निमजे और महेंद्र राठोड को एक ही खेत बेचा गया और दोनों ने न सिर्फ लेआउट बनाकर बेचा बल्कि अपनी सहूलियत के लिए मूल जमीन मालक को फंसाया। निमजे ने नहर की १३८४८. ५० वर्ग फूट जमीन भी बेचीं।

५- लेआउट धारक सुदेश हीरामन पाटिल(खसरा क्र १४१/१ ) ने नहर की २९७० वर्ग फूट अतिरिक्त जमीन बेच डाली।

६- लेआउट धारक महेंद्र गुलाबसिंह राठोड ने रजिस्ट्री व नक्शा के हिसाब से अतिरिक्त ११७५. ६ सहित ३६३०० वर्ग फूट जमीन नाला व पानधन की जमीन बेच डाली।

७- लेआउट धारक सलीम अजीज खारवा की जमीन कागजो पर . ३० हेक्टर आर है लेकिन ग्राम पंचायत के रिकॉर्ड में कुछ भी नहीं है.रजिस्ट्री के हिसाब से नहर और पानधन की ४३५० वर्ग जमीन बेच दी.

८- लेआउट धारक सुधाकर श्रावण वडस्कर (खसरा क्र १६६/१ व १६७ ) ने नहर और शंकर भोले देवस्थान के लिए आरक्षित १५०० रूपए वर्ग फूट वाली ९५० वर्ग फूट जमीन बेच दी.
९- लेआउट धारक संतोष किशनलाल राय( खसरा क्र ५१ अ ) ने लगभग १०००० वर्ग फूट नहर की जमीन बेच दी.

१०- लेआउट धारक आनंद उदयनारायण सिंह (खसरा क्र ९३ ) ने नहर,पेंच प्रकल्प की अतिरिक्त २०-२५ हज़ार वर्ग फूट जमीन बेच दी,इसके अलावा कई प्लॉटो को ५-५ लोगो को बेच कर फँसा दिया। सिंह ने खसरा क्र ५६/१ अंतर्गत नहर की जमीन बेच डाली। सिंह ने अवैध रूप से सरकारी जमीने और रोड की जमीनो को प्लाट में तब्दील कर बेच डाला।

११- लेआउट धारक महादेव त्र्यम्बक ताजने ने नहर और अतिरिक्त ३७१० वर्ग फूट जमीन बेच डाली।

१२- लेआउट धारक नितिन द्वारकाप्रसाद जैस्वाल (खसरा क्र ४९) ने सरकार की राजस्व विभाग की लगभग २०००० वर्गफुट जमीन बेच दी.बिना जैस्वाल के मंजूरी के तात्कालीन सरपंच के पति अरविन्द सरोदे ने प्लाट का मालिक बनकर प्लाट क्र २५७९/१,२५८०/२,२५८१/३ आदि बेच डाली।