बुलढाणा ( पळशी -झाशी ) === करीब सेकडो वर्ष से पळशी झासी मे शंकरगिरी महाराज ने शुरू की महारोठ की परंपरा आज भी महाशिवरात्री के रात शिव भक्तो ने ५ किंटल का महारोठ प्रशाद के रूप मे रातभर जाग कर तयार किया . ईस महारोठ की विशेता यह की ईसे तयार कारने के लिय कारीबन २१० किलो गेहू का आटा , २१० किलो सखर ,७० किलो घी , ८० लिटर दुध , १०१ किलो सुखा मेवा सामग्री रहती हे. ईस सामग्री को मिश्रीत कर ९ मिटर कपडे मे ५०१ किलो का महारोठ केले के पनो मे बांध कर उसे आग के निखारो पर तयार किया जात हे. और बाद मे दुसेरे दिन उसे निखारो से बाहर नीकालकर भक्तो मे वितरीत किया जात हे.
Published On :
Mon, Mar 3rd, 2014